Rajgarh- बस स्टैंड पर खड़ी 2 बसों में लगी आग,धू-धू कर जलीं बसें

Gaurav Sharma
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राजगढ़, डेस्क रिपोर्ट।  राजगढ़ (Rajgarh) के नरसिंहगढ़ बस स्टैंड (narsinghgarh bus stand) में खड़ी दो बसों में आज दोपहर में अचानक भीषण आग (Fierce fire) लग गयी। बस में आग लगने के साथ ही बस स्टैंड (bus stand) पर भगदड़ मच गई । आशंका जताई जा रही है कि किसी ने बस में आग लगाई है। आग लगने से एक बस पूरी तरह जल कर खाक हो गई जबकि दूसरी बस को भी बहुत नुकसान हुआ है।

दरअसल, गुरुवार को दोपहर में राजगढ़ (rajgarh) जिले के नरसिंहगढ़ बस स्टैंड (narsinghgarh bus stand)  पर खड़ी दो बसों में अचानक आग लग गई , आग लगने के साथ ही बस धू धू कर जलने लगी ,आग लगने की घटना के बाद बस स्टैंड पर भगदड़ मच गई , लॉक डाउन के कारण अभी बसों की आवाजाही बंद है। नरसिंहगढ़ के बस स्टैंड से चलने वाली संध्या ट्रेवल्स की बसें कुछ महीने से बंद खड़ी हैं ओर इन बसों में बैटरी भी लगी नही है।

ऐसी आशंका है कि आज दोपहर में किसी अज्ञात बदमाश ने संध्या ट्रेवल्स की बस में आग लगा दी। आग लगते ही तेजी से उसने दूसरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। बस में आग लगने की सूचना के बाद मौके पर नरसिंहगढ़ नगर पालिका की दमकल वाहन ने मौके पर पहुंच कर आग को तो बुझा दिया पर आग में एक बस पूरी तरह खाक हो गई है ,जबकि दूसरी बस में भी बहुत नुकसान हुआ है । हालांकि घटना के समय मौके पर पहुचे नरसिंहगढ़ थाना प्रभारी रविन्द्र चावरिया इस मामले में जल्द जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है ।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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