….तो इसलिए शिवराज को होता है अफसोस

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राजगढ़। विपक्ष में रहकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज लगातार कमलनाथ सरकार पर हमला बोल रहे है। इसी कड़ी में रविवार को राजगढ़ के पचौर में कार्यकर्ता सम्मेलन में फिर उन्होंने कमलनाथ सरकार पर तीखें वार किए और कहा कि मैं मुख्यमंत्री था, किसी को कैंसर, हार्ट की बीमारी या ब्रेन ट्यूमर हो जाये, तत्काल मेरी कलम निकलती और इलाज की व्यवस्था हो जाती थी। आज कोई कहता है, मामा कैंसर से मर जाऊंगा, तो मन पीड़ा से भर जाता है, आज कोई बच्चा कहता है मामा इस साल भी फीस भरनी है, कैसे भरेंगें, मामा खेतों में फसल खराब हो गई, कोई देखने तक नही आया । ये सब सुनकर बड़ा अफसोस होता है,मन दुखी हो जाता है …। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा।

दरअसल,  पचोर में रविवार को राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पूरे राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। इसमें जनता भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज से मिलने पहुंची थी। इस दौरान शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री के पद पर इसलिए नहीं थे कि सत्ता का सुख चाहिए था, बल्कि दिन और रात प्रदेश की सेवा में खुद को लगा रखा था। जनता और प्रदेश के विकास के लिए अपनी सरकार थी। सेवा में मैंने कोई कसर भी नहीं छोड़ी थी।मैं मुख्यमंत्री था, किसी को कैंसर, हार्ट की बीमारी या ब्रेन ट्यूमर हो जाये, तत्काल मेरी कलम निकलती और इलाज की व्यवस्था हो जाती थी। आज कोई कहता है, मामा कैंसर से मर जाऊंगा, तो मन पीड़ा से भर जाता है। प्रदेश सरकार ने आयुष्मान भारत को ठीक से लागू नहीं किया।मुझे तकलीफ तब होती है, जब बच्चे आते हैं और कहते हैं कि मामा पिछले साल की फीस तो तुमने भरवा दी थी, लेकिन इस साल की अब तक नहीं आई है। यह सरकार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। हमारी योजना को बंद कर दिया गया है।

ये ओले किसानों के खेतों में नही शिवराज की छाती पर गिरे है

एक बार फिर किसानों का जिक्र करते हुए शिवराज ने कहा कि मुझे अफसोस तब होता है, जब किसान अपनी पाले से नष्ट हुई चने की फसल दिखाते हैं और कहते हैं कि मुख्यमंत्री को तो छोड़ो मामा, पटवारी भी फसलों को देखने अब तक नहीं आया। किसानों के खेतों में जो ओले गिरते थे, मुझे लगता था कि वो मेरी छाती पर गिर रहे हैं। मेरे समय में शाजापुर आगर में ओले गिरे थे, तो मैंने एक पेड़ के संतरे का मुआवजा 500 रुपया दिया, जो पहले प्रति एकड़ केवल दो-ढाई हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जाता था।

गुंडे-बदमाश अब कट्टा जेबों में दन्नाते हुए घूमने लगे है

वही कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शिवराज ने कहा कि बेईमानी करने वाले, गुंडागर्दी करने वाले, दादागिरी करने वालों को दड़बों में घुसेड़ दिया था हमने, वो अब कट्टा जेबों में दन्नाते हुए घूमने लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी और हमारे प्रधानमंत्री की लोकप्रियता की बाढ़ का पानी देखकर एक ही पेड़ पर सब विपक्षी डटे हैं कि मर जायेंगे। इसलिए मैं कह रहा हूं कि यह अपना चुनाव नहीं है, देश को बचाने का चुनाव है।


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