Rape : ससुर ने किया गर्भवती बहू के साथ दुष्कर्म, पति ने मुंह बंद रखने के लिए धमकाया

Gaurav Sharma
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हरदा,डेस्क रिपोर्ट। ससुर को बाप का दूसरा रूप माना जाता है। लेकिन हरदा (Harda) से इसी ससुर बहू के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां गर्भवती बहू (Pregnant daughter-in-law) के साथ उसी के ससुर (Father in law) ने रेप (Rape) की वारदात को अंजाम दिया है। कई महीने तक ससुराल वालों के सामने गुहार लगाने के बाद भी पीड़िता (Victim) को उसके ससुर से किसी ने नहीं बचाया।

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रेप (Rape) का पूरा मामला हरदा (Harda) जिले के रहटगांव थाना क्षेत्र (Rahatgaon Police Station Area) के कचनार इलाके का है, जहां पुलिस ने बताया कि एक ससुर द्वारा गर्भवती बहू के साथ जंगल में दुष्कर्म (Rape) किया गया। जब उसकी शिकायत महिला ने अपने पति और ससुराल वालों से की तो उन्होंने उसे मुंह बंद रखने के लिए कहा। साथ ही उसको धमकाया (Threatened) कि अगर उसने इस बारे में किसी को भी बताया तो अच्छा नहीं होगा।मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता ने अपने मायके वालों के साथ थाने पहुंचकर आरोपी ससुर, पति और ससुराल पक्ष के 6 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म (Rape), धमकाने (Threaten) सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही केस फाइल रहटगांव थाने पहुंच गई है।

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पूरे मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि आरोपी बैतूल (Betul) जिले के चिचोली थाना क्षेत्र का है। आरोपी और उसका परिवार कचनार के पास जंगल (Forest) में रहता है। साल 2019 के अगस्त महीने से लेकर 3 फरवरी 2021 तक आरोपी द्वारा अपने बेटे की पत्नी के साथ दुष्कर्म (Rape) की वारदात को अंजाम दिया गया। इस पूरे मामले को लेकर पीड़िता का कहना है कि कई बार उसने अपने पति और अन्य घरवालों को उसके साथ हो रहे दुष्कर्म (Rape) की वारदात के बारे में बताया। कई बार उनसे खुद को बचाने के लिए गुहार लगाई, लेकिन किसी ने भी उसकी कोई मदद नहीं की, उल्टा उससे वारदात धुपाने के लिए धमकाया गया।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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