Ratlam News : बारात में भाई ने किए हर्ष फायर, घोड़ी बिदकी और हो गया हादसा

Pooja Khodani
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रतलाम, डेस्क रिपोर्ट। तमाम सख्ती और पाबंदी के बावजूद मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में हर्ष फायरिंग (Harsh Firing) की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे है, जबकी अब तक इसकी चपेट में आने से सैकड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं और कई खुशियां मातम में बदल चुकी है। ताजा मामला रतलाम (Ratlam) से सामने आया है, जहां वर निकासी के दौरान हुई हर्ष फायर (Harsh Fire) में 6 लोग घायल हो गए, जिन्हें आनन फानन में अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

मिली जानकारी के अनुसार, घटना सैलाना नगर के जूनावास क्षेत्र की है, यहां सोमवार को बाबूलाल पिता शंकरलाल पाटीदार के बेटे कमल पाटीदार की शादी थी। दोपहर में बारात जूनावास से रंगोली मोहल्ले में झब्बालालजी पाटीदार के लिए निकली तभी दूल्हे के ताऊजी हीरालालजी की लायसेंसी बंदूक (License Gun) से उनके पोते पप्पू ने पहला हवाई फायर किया  दूसरा फायर कर ही रहा था कि इसी बीच किसी ने पटाखे फोड़ने शुरु कर दिए, पास ही चल रही घोड़ी बिदकी और धक्का लगने से पास में खड़े पप्पू के हाथ से बंदूक का ट्रिगर दब गया और पप्पू का हाथ नीचे होने से फायर जमीन पर हो गया और छर्रे सीधे घोड़ी चालक, फोटोग्राफर (Photografer) सहित महिलाएं को जा लगे।

घायलों की चीख-पुकार सुनते और खून देखते ही बारातियों के बीच अफरा-तफरी मच गई।आनन-फानन में  समारोह में घायल हुई महिला सहित छह लोगों को एक निजी अस्पताल (Hospital) में भर्ती करवाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस (Ratlam Police)  भी पहुंची और मामले में दूल्हे (Groom) के बड़े पापा लायसेंसी बंदूकधारी आरोपी हीरालाल पाटीदार व उनके भतीजे पप्पू पाटीदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।दादा हीरालाल और पोते पप्पू के खिलाफ धारा 336, 188 और आर्म्स एक्ट (Arms Act) की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।

गोली से यह 6 लोग हुए घायल
25 वर्षीय दीपिका पत्नी पप्पू पाटीदार निवासी सैलाना
दूल्हे के भाई 22 वर्षीय नीलेश पुत्र बाबूलाल पाटीदार
35 वर्षीय चंदा पत्नी किशन पाटीदार
फोटोग्राफर 30 वर्षीय धर्मेंद्र पुत्र बसंतीलाल बैरागी
30 वर्षीय चेतन पुत्र चरणदास बैरागी निवासी ग्राम खोखरा
घोड़ी वाले 15 वर्षीय कान्हा पुत्र गोवर्धन दायमा निवासी सैलाना


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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