सीहोर। अनुराग शर्मा| मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही अब नेताओं का दल बदलना भी शुरू हो गया है। पूर्व भाजाप नेता और चार बार सीहोर विधानसभा से विधायक रहे रमेश सक्सेना ने बुधवार को कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान कर दिया। कयास लगाए जा रहे थे कि वह बीजेपी में वापस शामिल हो सकते हैं लेकिन उनके ऐलान से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियों में जुटी है ऐसे में रमेश का कांग्रेस में शामिल होना कांग्रेस को फायदा और बीजेपी को नुक्सान पहुंचा सकता है। सीहोर जिले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का गृह जिला है और यह लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका साबित होगा। सक्सेना पहले कांग्रेस में रहे हैं, 24 साल बाद उनकी यह घर वापसी होगी|
उन्होंने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने सात बजे कांग्रेस कार्यालय पहुंचे ने का निर्देश दिया है। कांग्रेस सरकार ने अच्छा काम किया है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। इतनी जल्दी और सही निर्णय और तुरंत क्योंकि मुख्यमंत्री कमलनाथ जी हैं और वह शुरू से सरकार चला रहे हैं। उन्होंने दिल्ली की सरकार चलाई है तो प्रदेश की सरकार तो चला ही लेंगे। किसानों के हित में निर्णय पर उन्होंने कहा कि काम तो कमलनाथ जी के बहुत अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि मैं 1990 से कमलनाथ जी से प्रभावित रहा हूं। मेरी पहली नेता इंदिरा गांधी रही हैं सबसे पहले। मैं बीजेपी में भी रहा लेकिन मेरा नेता कमलनाथ जी थे।
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले रमेश सक्सेना ने भाजपा के खिलाफ बगावती रुख अपना रखा था। वह पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया । जिससे खफा होकर उन्होंने अपने पूरे परिवार समेत नामांकल दाखिल किया था। बाद में उन्होंने नामांकन वापस ले लिया था लेकिन उनकी पत्नी निर्दलीय चुनाव लड़ी थी। विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी उषा रमेश सक्सेना को 26,397 वोट मिले थे। इतने वोट लेकर उन्होंने जनता के बीच अपनी पैठ होने की ताकत दोनों दलों को बतादी। यहीं नहीं चुनाव से पहले उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंंने बीजेपी पर टिकट के लिए खरीद फरोख्त के आरोप भी लगाए थे।