हड़ताल पर बैठे मिड डे मील बनाने वाले कर्मचारी, नारेबाजी कर मानदेय बढ़ाने की करी मांग

Diksha Bhanupriy
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Alote News: आलोट में सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में मिड डे मील बनाने वाले कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पर गई महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और रसोइयों का कहना है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाए।

यह महिलाएं और रसोइए एसडीएम कार्यालय के बाहर बैठकर अपना मानदेय बढ़ाए जाने की मांग करते हुए दिखाई दिए। हैरानी की बात तो यह है कि स्कूलों और आंगनबाड़ी में मिड डे मील बनाने वाले इन कर्मचारियों को 2 हजार रुपए प्रति महीने के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है। सुबह से लेकर शाम तक काम करने वाली इन महिलाओं का कहना है कि हमें कम से कम 10 हजार रुपए महीना दिया जाना चाहिए।

हड़ताल पर बैठे स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और रसोइयों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि हम 12 सालों से स्वयं सहायता समूह के माध्यम से स्कूलों और आंगनबाड़ी में मध्याह्न भोजन बना रहे हैं लेकिन फिर भी हमें उचित मानदेय नहीं दिया जा रहा है।

नहीं बंटा मध्याह्न भोजन

स्वयं सहायता समूह की भोजन बनाने वाली महिलाओं के हड़ताल पर चले जाने के चलते आलोट के शासकीय स्कूलों में मध्याह्न भोजन नहीं बांटा गया। कर्मचारियों ने स्कूल के प्राचार्य को पहले से ही इस बारे में जानकारी दे दी थी कि वह मानदेय बढ़ाने के लिए हड़ताल पर जाने वाले हैं। इस मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि वेतन वृद्धि का मामला शासन स्तर का है और हम इस मामले में कुछ भी नहीं कर सकते हैं। कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं तो ग्राम पंचायत से सलाह कर कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाएगी।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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