MP News : मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से एक बड़ी खबर आ रही है जहां राजीव गांधी सिविक सेंटर में 22 भूखंडों की रजिस्ट्री कराने के मामले में नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय ने रतलाम नगर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार को निलंबित कर दिया है। यह पूरी कार्रवाई तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार की जाँच प्रतिवेदन के आधार पर की गई है। बताया जा रहा है कि निगमायुक्त मार्च 2023 में ज्वाइनिंग के बाद से सुर्खियों में छाए हुए थे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि निलंबित आयुक्त गहरवार मई माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उसके पहले उनके खिलाफ राज्य शासन ने अनियमित्ता बरतने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
क्या है पूरा मामला
जारी आदेशनुसार बताया गया कि पिछले कुछ समय से रतलाम नगर निगम में गंभीर अनियमिताओं की शिकायते मिल रही थी। जांच प्रतिवेदन अनुसार रतलाम में राजीव गांधी सिविक सेंटर के 22 भूखंडों की एमआईसी और परिषद की सक्षम स्वीकृति बिना अनियमितता करते हुए रजिस्ट्री विगत समय में कर दी गई है। इससे प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि प्लाटो की रजिस्ट्री की कार्रवाई अधिकारियों एवं क्रेता के मध्य कूटरचित तरीके से की गई है। जांच प्रतिवेदन में अन्य कई गंभीर अनियमितताएं भी पाई गई। जिसके चलते मंगलवार को मध्यप्रदेश शासन नगर विकास एवं आवास विभाग के उपसचिव हर्षल पंचोली के हस्ताक्षर से निलंबन की कार्रवाई का आदेश जारी हुआ है।
बीजेपी पार्षदों ने अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
7 और 9 फरवरी को निगम के बजट सम्मेलन में भाजपा महिला पार्षदों ने आयुक्त गहरवार के व्यवहार को लेकर भी नाराजगी जताई थी। सम्मेलन में नगर निगम आयुक्त गहरवार के खिलाफ बीजेपी पार्षदों ने जमकर नाराजगी जताते हुए अधिकारी पर गलत व्यवहार और वा केर्डों विकास कार्य रोकने की धमकी देने का गंभीर आरोप भी लगाए थे। भाजपा पार्षद आयुषी सांकला, कविता चौहान ने आयुक्त की भाषा शैली और व्यवहार को लेकर भी आपत्ति भी जताई थी। अन्य महिला पार्षदों ने भी खड़े होकर आयुक्त गहरवार का जमकर विरोध किया था।
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— MP Breaking News (@mpbreakingnews) March 12, 2024
पूर्व भाजपा जिला महामंत्री निर्मल कटारिया ने भी तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार को सिविक सेंटर के 22 भूखंड की नियम विपरित रजिस्ट्री पर आपत्ति जताते हुए मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। तत्कालीन कलेक्टर ने आरोपों से घिरे निलंबित निगम आयुक्त का जांच प्रतिवेदन राज्य शासन को भेजा दिया था। गहरवार की निलंबन अवधि में उन्हें उज्जैन संभाग के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में अटैच किया गया है।
सम्मेलन के अगले दिन सत्ता पक्ष के बीजेपी पार्षदों ने जब आयुक्त गहरवार से जवाब मांगा तो उन्होंने चैलेंज देते हुए कहा कि आप मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाओ, तब मैं इस का जवाब दूंगा। इस मामले में महिला पार्षदों ने महापौर से कार्रवाई की मांग की तब उन्होंने कहा था कि मैं एक तरफा कार्रवाई नहीं कर सकता हूं।