रतलाम, सुशील खरे। आदिवासी समाज के आराध्य देव बिरसा मुंडा की जयंती अब हर साल 15 नवंबर को मनाई जाएगी। ये निर्णय आदिवासियों के हित में मध्य प्रदेश सरकार एवं शिवराज सिंह चौहान के द्वारा लिया गया है। इसी के चलते रतलाम के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आदिवासियों के आराध्य देव एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष करने वाले बिरसा मुंडा की जयंती को लेकर आदिवासी समाज में खासा उत्साह है।
आदिवासी अंचल में नारायण मईड़ा एवं आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा शनिवार को सैलाना अंचल में एक जागरूकता संदेश रेली निकाली गई। इस वाहन रैली में आदिवासी समाज में संदेश दिया गया कि वह सामाजिक कुरीतियों से दूर होकर आदिवासियों के आराध्य बिरसा मुंडा के पद चिन्हों पर चले उनके संदेशों का पालन करें एवं कुरीतियों को त्यागे।
आदिवासी समाज के बड़े नेता नारायण मैंड़ा ने इस अवसर पर कहा कि हमे अपने धर्म का पालन करते हुए किसी भी प्रलोभन में ना आते हुए धर्मांतरण एवं अन्य सामाजिक बुराई नशा आदि से बचना है। इस अवसर पर बिरसा मुंडा के फोटो का वितरण भी नारायण मईड़ा एवं उनके साथियों के द्वारा किया गया तथा जागरूकता का संदेश देते हुए बताया गया कि मध्यप्रदेश शासन एवं क्रेंद्र शासन के द्वारा अब 15 नवंबर को इस जयंती को सामाजिक समरसता के संदेश के रूप में मनाया जाएगा।