रतलाम, सुशील खरे। लगभग 70 हज़ार काल डिटेल्स, दो सौ से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज,सौ से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ और सात दिन तक सौ से ज्यादा पुलिसकर्मियों की रात दिन की मेहनत के बाद आखिरकार पुलिस ने राजीव नगर के तिहरे हत्याकाण्ड (Ratlam Triple Murder) की गुत्थी को सुलझाने का दावा आज पुलिस (Ratlam Police) ने किया है।
हत्याकांड का मुख्य आरोपी फरार है, इस हत्याकाण्ड में शामिल चार आरोपियों में से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस हत्याकाण्ड के साथ ही पुलिस ने करीब छ: महीने पहले की गई महिला चिकित्सक की हत्या की गुत्थी को भी सुलझा लिया है। उक्त वारदात में भी तिहरे हत्याकाण्ड के मास्टर माइण्ड का ही रोल था। इसमें शामिल दो आरोपी भी पकडे जा चुके है।नए पुलिस कंट्रोल रुम पर एसपी (Ratlam SP) ने इस पूरे हत्याकाण्ड की विस्तार से जानकारी दी।
तिवारी ने बताया कि सनसनीखेज हत्याकाण्ड के बाद पुलिस के सौ से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी दिन रात इस गुत्थी को सुलझाने में लगे थे। सीसीटावी कैमरों के फुटेज और काल डिटेल्स को खंगालने के अलावा पुलिस ने सौ से ज्यादा सम्बन्धित व्यक्तियों से पूछताछ की। दो सौ से ज्यादा सीसीटीवी केमरों के लजारों फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को आरोपियों का सुराग मिला और पुलिस ने हत्याकाण्ड में शामिल चार में से तीन आरोपियों को पकड लिया है। इनके कब्जे से लूट का काफी सारा माल भी बरामद कर लिया गया है। हत्याकाण्ड का मास्टर माइण्ड फिलहाल फरार है,लेकिन उसे भी जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हत्याकाण्ड के मास्टर माइण्ड दिलीप देवल की गिरफ्तारी या उसकी सूचना देने पर पुलिस ने तीस हजार रु. का ईनाम भी घोषित किया है।
इस तरह हुई वारदात
एसपी ने हत्याकाण्ड की जानकारी देते हुए बताया कि इस वारदात में कुल चार आरोपी शामिल थे। इनका मास्टर माइण्ड दिलीप देवल है,जो कि मूलरुप से दाहोद गुजरात का रहने वाला है,लेकिन वारदात के लिए पिछले कुछ समय से कमरा किराये से लेकर रतलाम में रह रहा था। इस वारदात में दिलीप देवल के साथ दाहोद का ही लाला भाबोर, रतलाम निवासी बाबी उर्फ अनुराग तथा गोलू उर्फ गौरव बिलवाल भी शामिल थे। हत्या की योजना उन्होने वारदात से दो दिन पूर्व ही बना ली थी। वारदात के लिए इन्होने जानबूझकर छोटी दीवाली का दिन चुना था,ताकि पटाखों की आवाज में फायर की आवाज दब जाए और लोग अपने घरों में ही रहें। आरोपीगण दो दिनों तक घटनास्थल की रेकी करते रहे। फिर घटना वाले दिन यानी 25 नवंबर की रात करीब सवा आठ बजे ये लोग घटनास्थल के आसपास पंहुच गए। मौका देखकर जब गली में कोई नहीं था, तब दिलीप देवल,अनुराग उर्फ बाबी और लाला भाबोर गोविन्द के घर के भीतर घुसे जबकि चौथा आरोपी गोलू उर्फ गौरव बिलवाल मोटर साइकिल व स्कूटी की निगरानी रखने और गाडी को चालू रखने के लिए बाहर ही खडा रहा,ताकि वारदात के बाद भागने में कोई दिक्कत ना आए। गोविन्द के घर के भीतर घुसते ही आरोपियों ने बाहर के कमरे में बेड पर बैठकर टीवी देख रही शारदा को उसके सिर में गोली मारी। गोली की आवाज सुनकर जब दिव्या बाहर आने लगी, तो आरोपियों ने उसे भी चेहरे पर आंख के नीचे गोली मार दी। दो हत्याएं करने के बाद इन आरोपियों ने घर में रखी नगदी करीब बीस हजार रु. और जेवरात आदि लूट लिए। इसके बाद जैसे ही आरोपीगण बाहर निकलने को हुए तो इन्हे गोविन्द सोलंकी आते हुए नजर आए। गोविन्द सोलंकी घर की सीढियां चढ रहे थे,तब इन लोगों ने उसके घर के भीतर आने का इंतजार किया और जैसे ही उसने घर के भीतर कदम रखा,उसे भी सिर में गोली मार दी।तीन हत्याएं करने के बाद ये चारों आरोपी दिव्या की स्कूटी की चाबी लेकर उसकी स्कूटी चलाकर वहां से भागे और गोलू और गौरव जो पहले से रास्ते में एक स्कूटी चालू रख कर खडा था,वहां इन लोगों ने गाडियों को बदला,अपने कपडे भी बदले और वहां से गोलू और अनुराग को एक तीसरी जगह भेज दिया। दिलीप और लाला भाबोर देवरा देवनारायण नगर में स्कूटी छोडने के बाद वहां से निकले और चारों हत्यारें एक नियत स्थान पर आपस में मिले। इस स्थान पर इन्होने लूट के माल का बंटवारा किया और चारों अलग अलग स्थानों के लिए रवाना हो गए।
साइको किलर है मास्टरमाइंड दिलीप
एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद जब इन आरोपियों से पूछताछ की गई तो पता चला कि घटनाक्रम का मास्टर माइण्ड दिलीप देवल पिछले करीब डेढ साल से रतलाम में रह रहा था। एक निजी स्कूल की संचालिका विशाला सोलंकी नामक महिला से इसका अच्छा परिचय था औ र इसी पहचान का लाभ लेकर यह अन्य लोगों से जान पहचान करता था। नए लोगों से जान पहचान के बाद यह अपने शिकार का चयन करता था। यह अपना शिकार ऐसे परिवार को बनाता था,जहां बिना प्रतिरोध के अधिक से अधिक सम्पत्ति लूटी जा सके। साथ ही साथ जहां महिलाएं हों ताकि वारदात के दौरान अधिक प्रतिरोध ना करना पडे। वारदात के बाद शिकार को गोली मार कर हत्या करना उसकी खास आदत थी,जिससे कि वारदात का कोई चश्मदीद गवाह ना रहे और घटना का कारण बताने वाला कोई ना हो। इसी वजह से यह भी पता नहीं चल पाता था कि हत्या का वास्तविक उद्देश्य क्या था,क्योंकि घर के सभी लोग मर चुके होते थे। दिलीप देवल वास्तव में साइको किलर है।अपने इन्ही तौर तरीकों के चलते उसने गोविन्द सोलंकी को अपना शिकार बनाने के चुना था। विशाला सोंलकी के जरिये उसकी गोविन्द से पहचान हुई थी और लाक डाउन के दौरान वह शेविंग इत्यादि बनवाने के लिए गोविन्द के घर गया था। उसने गोविन्द के घर को भीतर से देख लिया था और उसे उम्मीद थी कि गोविन्द के घर पर उसे भारी मात्रा में नगदी और जेवरात मिल सकते है। इसी के चलते उसने गोविन्द के घर में घुसकर लूट की योजना बनाई थी और बाकी तीनों आरोपियों को इसके बारे में जानकारी दे दी थी।
महिला चिकित्सक की हत्या का पर्दाफाश
औद्योगिक थाना क्षेत्र में विगत 16 जून 2020 को प्रेमकुंवर नामक महिला की भी उसके घर में सिर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। यह मामला भी अब तक अनसुलझा था। उक्त हत्या का तरीका भी ठीक इसी प्रकार का था,जैसा कि गोविन्द सोलंकी के परिवार की हत्या में प्रयुक्त हुआ था। इसलिए पुलिस को पूरी आशंका थी कि दोनों मामलों के आरोपी समान हो सकते हैैं। जब इस तथ्य को सामने रखकर जांच की गई तो पता चला कि इस हत्याकाण्ड का मास्टर माइण्ड भी दिलीप देवल ही था,लेकिन इस हत्याकाण्ड में शामिल दो आरोपी दिलीप सोलंकी केस के आरोपियों से अलग थे। प्रेमकुंवर की हत्या में दिलीप देवल के साथ सुमित और हेमन्त नामक युवक शामिल थे। ये दोनो दिलीप देवल के रिश्तेदार है। पुलिस ने इस हत्याकाण्ड में शामिल हेमन्त और सुमित को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस तरह पुलिस ने दो हत्याकाण्ड में शामिल छ: में से पांच आरोपियों को पकड लिया है,जबकि मास्टर माइण्ड दिलीप देवल फरार है।
छ: हत्याएं कर चुका है दिलीप
एसपी तिवारी ने बताया कि दिलीप देवल अभी तक कुल छ: हत्याएं कर चुका है। इनमें से चार हत्याएं उसने रतलाम मेंकी है,जबकि दो हत्याएं दाहोद में की है। दिलीप देवल के खिलाफ अब तक पांच आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी मिली है। दाहोद में इसके खिलाफ हत्या के दो मामले दर्ज है। दाहोद में एक व्यापारी की सिर में गोली मार कर हत्या करने के प्रकरण में इसे आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। सजा के दौरान इसे पैरोल पर छोडा गया था,जहां से पैरोल जम्प करके फरार हो गया। रतलाम के औद्योगिक थाने पर इसके खिलाफ बलात्कार और अपहरण का एक प्रकरण पहले से दर्ज है। दिलीप देवल बेहद शातिर अपराधी है। ये अपना नाम बदलता रहता है। पुलिस को जानकारी मिली है कि इसने अलग अलग नाम से दो फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखे है। ये अपना हुलिया भी बदल लेता है। इसका सुराग देने पर पुलिस ने तीस हजार रु. का नगद ईनाम भी घोषित किया है।
एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि इस बेहद पेचीदा और सनसनीखेज हत्याकाण्ड की गुत्थी सुलझाने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत वाकरवाल, सीएसपी हेमंत चौहान, टीआई रेवल सिंह बर्डे एसआईटी.सायबर सेल,फोरंसिक सेल,एफएसएल,फिंगर प्रिन्ट एक्सपर्ट, तथा जिले के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियोम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
आरोपियों का विवरण
फरार आरोपी-
दिलीप पिता भावसिंह देवल जाति पटेलिया आदिवासी निवासी ग्र्राम खरेडी डुंगरी फल्या थाना ग्र्रामीण दाहोद जिला दाहोद गुजरात हाल मुकाम महेश नगर रतलाम
गिरफ्तार आरोपी
1.अनुराग उर्फ बाबी पिता प्रवीणसिंह परमार जाति हरिजन 25 नि.सेक्टर बी विनोबा नगर रतलाम,
2.गोलू उर्फ गौरव पिता राजेश बिलवाल जाति भील 22 नि. ओल्ड रेलवे कालोनी रतलाम,
3.लाला पिता मनु भाबोर जाति भील 20 नि.ग्र्राम अबलोड लिम्बू फल्या थाना जेसवाडा जिला दाहोद गुजरात
4.सुनीत उर्फ सुमित पिता जीतेन्द्र सिंह चौहान जाति राजपूत 21 नि. गांधीनगर रतलाम
5.हिम्मत सिंह पिता रुपसिंह देवल जाति पटेलिया भील 27,नि.ग्र्राम खेडी डुंगरी फल्या थाना ग्रामीण दाहोद गुजरात हालमुकाम देवरादेवनारायण नगर रतलाम।