साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की बढ़ी मुश्किले, ‘शुद्र’ वाले बयान पर रिटायर्ड IAS क्रोध में, कार्रवाई की मांग

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (MP Sadhvi Pragya Singh Thakur) ने बीते दिनों एक सम्मेलन में ‘शूद्र को शूद्र कह दो, तो बुरा लग जाता है’ वाला बयान दिया था। जिस पर रिटायर्ड आईएएस रमेश थेटे (Retired IAS Ramesh Thete) ने आपत्ति जताई है और कहा है कि इस बयान के लिए प्रदेश सरकार (State government) को सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट (Atrocity act) के तहत FIR दर्ज कराना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि इस तरह का आपत्तिजनक बयान देने वाली सांसद को बीजेपी को अपने पार्टी से निष्कासित  (Expelled from party) कर देना चाहिए। अगर उनपर कार्रवाई नहीं हुई तो हम विधिवेत्ताओं से बात करेंगे और सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। साथ ही एक बड़ा जन आंदोलन भी किया जाएगा।

दलित वर्ग के लिए दिया आपत्तिजनक बयान


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।