रीवा। अखिल त्रिपाठी। हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली भारतीय जनता पार्टी के विधायक खुद पार्टी की नीतियों और सिद्धांतो का माखौल उड़ा रहे है। इसके कारण भाजपा के अन्य राजनीतिक दलों से अलग पार्टी होने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता हमेशा ही भगवान राम को अपनी आस्था से जुड़ा बताते रहे हैं किन्तु उसकी ही पार्टी के विधायकों के क्रिया कलापों से इस पर प्रश्न चिह्न लग रहा है।
मामला रीवा जिले के मऊगंज विधान सभा का है, जहाँ से भाजपा के ही विधायक प्रदीप पटेल हनुमना में आयोजित किसान संघ के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में जूते पहन कर रामायण गाते और पूजा करते दिखाई दिए। विपक्ष ने इस पर विधायक की भगवान राम के प्रति आस्था और श्रद्धा पर सवाल उठाते हुये उन्हें उपदेश दे डाला। विपक्ष पूर्व में भी विधायक के धरने को नौटंकी बताता रहा है। ये वही प्रदीप पटेल हैं जो कभी बसपा की टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके है और भाजपा को हमेशा मनुवादी पार्टी कहते आये हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले भी बसपा में रहते हुए विधायक महोदय पर हनुमना के ग्रामीण इलाके में रामायण और गीता जलाने के आरोप भी लगे थे। अब उसी हनुमना क्षेत्र में जूते पहन कर रामायण गाने से भाजपा को समर्थन देने वाला आरएसएस क्या कदम उठाता है ये देखने वाली बात होगी। लेकिन विधायक महोदय के इस कारनामे के बाद अब विपक्ष को विधायक और भाजपा पर निशाना साधने का मौका अवश्य मिल गया है।