पिता की हैवानियत, 4 महीने की बच्ची के रोने पर उसे कई बार बिस्तर पर पटका, घायल

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शहर के एम्स (AIIMS Bhopal) में एक ऐसी मासूम का इलाज चल रहा है, जिसकी पीड़ा सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। जी हां, भोपाल शहर के एम्स में एक 4 महीने की मासूम को भर्ती कराया गया है, जिसके शरीर की कई हड्डियां टूट चुकी है। इसके पीछे की कहानी जिस किसी ने भी सुनी वह तड़प उठा। बच्ची के शरीर की कई हड्डियां फ्रैक्चर (Bone fracture) हो गई है, वहीं शरीर पर कई जगह चोट के निशान है। ऐसा लग रहा है कि बच्ची कई बार गिरी है। लेकिन कहानी कुछ और ही सामने आई है। जिसमें पिता ने अपनी बच्ची के साथ हैवानियत की है, जिसके कारण बच्ची की ऐसी हालत हुई है। जी हां बच्ची के रोने मात्र ने पिता को इतना गुस्सा आया कि उसने मासूम को कई बार उठाकर पटका है।

मासूम को रोने की मिली ये सजा


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।