पिता की हैवानियत, 4 महीने की बच्ची के रोने पर उसे कई बार बिस्तर पर पटका, घायल

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शहर के एम्स (AIIMS Bhopal) में एक ऐसी मासूम का इलाज चल रहा है, जिसकी पीड़ा सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। जी हां, भोपाल शहर के एम्स में एक 4 महीने की मासूम को भर्ती कराया गया है, जिसके शरीर की कई हड्डियां टूट चुकी है। इसके पीछे की कहानी जिस किसी ने भी सुनी वह तड़प उठा। बच्ची के शरीर की कई हड्डियां फ्रैक्चर (Bone fracture) हो गई है, वहीं शरीर पर कई जगह चोट के निशान है। ऐसा लग रहा है कि बच्ची कई बार गिरी है। लेकिन कहानी कुछ और ही सामने आई है। जिसमें पिता ने अपनी बच्ची के साथ हैवानियत की है, जिसके कारण बच्ची की ऐसी हालत हुई है। जी हां बच्ची के रोने मात्र ने पिता को इतना गुस्सा आया कि उसने मासूम को कई बार उठाकर पटका है।

मासूम को रोने की मिली ये सजा

मासूम बच्ची का कसूर सिर्फ इतना था कि उसे जब टिका लगता उसके बाद वह रोने लगती थी। बस इतनी सी बात क्रूर पिता को रास नहीं आई और उसने गुस्से पर काबू ना करते हुए बच्ची को कई बार बिस्तर पर पटक (Slamming the baby on the bed) दिया। जिससे मासूम के शरीर पर तीन जगह फ्रैक्चर हुआ है। बता दें कि यह घटना सितंबर महीने की है, लेकिन इसकी जानकारी चाइल्ड लाइन को कुछ दिनों पहले की हुई है। जिसमें उन्हें पता चला कि भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में एक बच्ची का इलाज चल रहा है, जिसकी हालत काफी दर्दभरी है। जांच में पता चला कि चार महीने की मासूम बच्ची को उसके पिता द्वारा कई बार बिस्तर पर पटका गया है। जिसके कारण बच्ची के हाथ-पैर और नाक के अलावा कई जगह फ्रैक्चर हो गया है।

कई जगह हुआ है फ्रैक्चर

मासूम का इलाज कर रहे एम्स के डॉक्‍टरों (AIIMS doctors) का कहना है कि बच्ची की हड्डियां अलग-अलग समय पर टूटी हैं। जिसके कारण सर्वाइकल कंडीशन सही नहीं है। ऐसे में बच्ची के बड़े होने पर हाथ-पैरों में विकृति उत्पन्न हो सकती है। वहीं जांच के दौरान जब बच्ची के पिता से पूछताछ की गई तो, वह बरगलाता रहा।

पिता को आया गुस्सा, तो बच्ची को उठाकर पटका

जानकारी के अनुसार, जिस दंपति की बच्ची है वे सागर निवासी है। जिनका धर्म अलग है और इन्होंने प्रेम विवाह (love marriage) किया है। मासूम को सितंबर महीने में टीका लगा था, टीका लगने के बाद दर्द के कारण बच्ची रोने लगती थी। इस दौरान पिता के चुप कराने पर भी बच्ची चुप नहीं हो रही थी। जिसके चलते पिता को गुस्सा आ गया और उसने अपनी ही बच्ची को उठाकर कई बार बिस्तर पर पटक दिया।

भोपाल में हुआ खुलासा

बच्ची की हालत खराब होने और अपने किए गए कार्य से बचने के लिए दंपति द्वारा बच्ची का इलाज सागर के निजी अस्पताल में कराया जा रहा था। जहां से कोई रिकवरी नहीं होने पर डॉक्टरों ने बच्ची को भोपाल रैफर कर दिया। भोपाल पहुंचने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है। इन तीन महीनों में बच्ची दर्द से बिलखती रही, लेकिन माता-पिता को कोई फर्क नहीं पड़ा।

पिता ने कबूल किया अपना जुर्म

हेल्पलाइन की डायरेक्टर अर्चना सहाय एम्स पहुंची, जहां उन्होंने बच्ची को देखा और जांच के आदेश दिए। वहीं इसकी सूचना गोपालगंज पुलिस को भी दी गई। सूचना पर एसआई धर्मेन्द्र लोधी टीम गठित कर 23 दिसंबर को भोपाल पहुंचे। जहां पर बच्ची के पिता से पूछताछ की गई। हेल्पलाइन की डायरेक्टर अर्चना सहाय ने कहा कि पूछताछ में बच्ची के पिता ने अपना जुर्म कबूल किया है।

पिता के खिलाफ होगी FIR

मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल गोपालगंज थाने की टीआई सिंह ने बच्ची के साथ ही हैवानियत की जांच कराते हुए मेडिकल रिपोर्ट को पोस्ट के जरिए भेजी है। जिसके बाद पिता के खिलाफ कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज की जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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