MP News : मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्षों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था लोक तंत्र की सबसे मजबूत कड़ी है और आप सभी लोग इसका महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, मैं भी आप लोगों से मिलना चाह रहा था, उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास को आत्म निर्भरता की तरफ ले जाना है तो हम सबको एकजुट होकर काम करना होगा और हम मिलकर मप्र को ऊंचाई पर ले जायेंगे, जहाँ तक आपके अधिकारों की बात है तो सरकार को इसका ध्यान है लेकिन याद रखिये अधिकारी और कर्त्तव्य साथ-साथ चलते हैं।
कार्यक्रम में प्रदेश की जिला पंचायतों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष शामिल हुए। मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि मैं लोकसभा चुनाव के बाद आपके साथ फिर बैठूँगा और हम मिलकर प्रदेश के बारे में और अच्छे फैसले लेंगे, इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष संघ के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने एक मांग पत्र सबकी तरफ से मंत्री प्रह्लाद पटेल को सौंपा।
सागर के जिला पंचायत अध्यक्ष और राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त हीरा सिंह ने सभी निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की तरफ से बातचीत हेतु समय निकालने के लिए मंत्री प्रह्लाद का हार्दिक स्वागत किया। साथ ही उन्होंने मंत्री पटेल से पंचायत राज अधिनियम, 1994 के तहत भारत सरकार द्वारा लागू अधिकारों को प्रदान करने की मांग भी की है। जिससे प्रदेश के विकास में योगदान दे सकें।
ये रही मांगे
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल से कुल 9 अधिकारों की मांग की गई है, जोकि इस प्रकार हैं-
- जिला पंचायत अध्यक्ष को शासन द्वारा राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। जिसको लेकर प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है कृपया इस संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किये जाएं।
- जिले में प्रति विधानसभा के मानक से जिला पंचायत अध्यक्षों को 50 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाए। जिससे जिले में भ्रमण के समय मांग के अनुसार विकास कार्य स्वीकृत किये जा सकें।
- जिला पंचायत के अधीन आने वाले सभी विभागों पर प्रशासनिक एवं वित्तीय नियंत्रण जिला पंचायत में समाहित हो तथा अध्यक्ष के अनुमोदन पर ही गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाए।
- मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत की सी आर लिखने का अधिकार अध्यक्ष के पास हो।
- जिला पंचायत में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, परियोजना अधिकारी इसके अलावा ऐसे अधिकारी जिनकी नियुक्ति शासन द्वारा की गई है और वे जिला पंचायत में कार्यरत हैं, उनके वेतन-भत्ते राज्य शासन द्वारा नियमित रूप से दिये जाएं।
- ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत जिले के सभी तृतीय वर्ग श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण एवं कर्मचारियों की रिक्त पदों पर पदोन्नति अथवा सीधी भर्ती का अधिकार जिला पंचायत को सौंपे जाएं।
- प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर मंत्री द्वारा राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजा रोहण किया जाता है। जिन जिला मुख्यालयों पर मंत्री नहीं पहुंच पाते हैं, उन जिलों में जिला पंचायत अध्यक्षों को ध्वजारोहण करने लिए अधिकृत किये जाएं।
- जिला पंचायत अध्यक्ष का परिचय पत्र सांसद, विधायक की तरह जारी कर मान्यता प्रदान की जाए।
- सभी जिला पंचायत अध्यक्षों के आवास एवं सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।