BJP MLA questioned about wheat procurement center : मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने किसानों के हित की मांग को बुलंद करते हुए सवाल उठाया है। उन्होने कहा कि पूरे जिले में मौजूद मंडियों को इस बार गेंहू उपार्जन केंद्र न बनाये जाने से किसानों के हित प्रभावित होंगे। विधायक ने कहा कि हमारी तमाम मंडिया सर्वसुविधायुक्त हैं जहां किसानों की उपज रखने के व्यवस्थित चबूतरे, किसानों के रुकने ठहरने की उचित व्यवस्था पीने के पानी आदि की उत्तम व्यवस्थाएं है। साथ ही किसान की व्यवस्था के अनुरूप है क्योंकि कोई भी किसान यह चाहता है कि उसका तमाम तरह का अनाज चना, मसूर, सरसो, गेंहू सब के सब एक ही जगह से बिक जाए जिससे उसके समय और धन दोनों की बचत होती है।
नारायण त्रिपाठी ने कहा कि शासन के नियमानुसार विपणन सोसाइटियों की स्थापना केवल इसी उद्देश्य से की गई है कि पैक्स सोसाइटी से किसान खाद बीज की मदद लेकर उपज पैदा करे और जब विक्रय करें तो विपणन सोसाइटियां खरीदें, जिनके पास मंडी डाक में खरीदी का लाइसेंस भी है। और यदि सोसाइटी के प्रतिनिधि वहां डाक में मौजूद रहेगा तो व्यापारी भी किसान की उपज का अधिक से अधिक दाम देकर खरीदेगा जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा। ऐसा नहीं होने पर व्यापारी आपसी सांठगांठ कर 1,2,3, बोलकर डाक समाप्त कर किसानों की उपज औने पौने दाम में खरीद सकता है जिससे किसानों का नुकसान होगा। दूसरी तरफ ये भी है कि जो समर्थन मूल्य के मापदंड में है तो उन्हें सोसाइटी खरीद लेगी और जो अधिक गुणवत्ता वाली उपज है उसे अधिक दर पर व्यापारी खरीद लेगा क्योकि उसे इस बात का भय रहेगा कि कही इसे सोसाइटी न खरीद ले इससे भी किसान का ही फायदा होगा।
उन्होने कहा कि शासन की उपार्जन नीति में इस बात का उल्लेख नहीं है कि मंडियों में उपार्जन केंद्र नहीं होंगे। जब हमेशा से मंडियों में उपार्जन केंद्र रहे हैं तो इसबार सतना जिले में यह नवाचार कहां से आ गया। क्या उपार्जन केंद्र मंडियों में न बनाये जाने के कोई निर्देश है..अगर नहीं तो फिर किसानों के साथ ऐसा मजाक क्यों जिससे उसका समय और धन दोनों बर्बाद हो। उन्होने कहा कि हमारे लिए व्यापारी से ज्यादा किसानों के हित ज्यादा महत्वपूर्ण है इसलिए मंडियों को भी उपार्जन केंद्र बनाया जाना आवश्यक है।