सतना| पुष्पराज सिंह बघेल| लॉक डाउन (Lockdown) के बीच बंद पड़े परिवहन ने वाहन मालिको की कमर तोड़ दी है, बसो के थमे पहिये के बीच परिवहन विभाग (transport Department) को टैक्स व कर्मचारियो का वेतन देना अब बस मालिको के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है| जिसका पहला मामला मध्यप्रदेश के सतना जिले से आया है जहाँ शुक्ला बस सर्विस के मालिक ने मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या (Suicide) कर ली है।
दरअसल वर्तमान में सभी बस मालिकों के ऊपर 30 तारीख को जमा होने वाले मोटरयान कर का भार, फाइनेंसर की किस्त का दबाव, बस स्टाफ की रोजी रोटी की चिंता, वर्तमान समय में एडवांस लेकर बुक की हुई बारातियो की बुकिंग कैंसिल होने की चिंता,सीजन से पूर्व कर्ज लेकर बसों को कंप्लीट करवाने के बाद उक्त कर्ज वापस देने में आ रही आर्थिक परेशानी के बोझ तले अब बस मालिक दब गया है जिससे उसकी पूरी तरह से कमर टूट चुकी है लिहाजा अब वह अपनी जान देने पर आमदा है।आज ऐसा ही मामला जिले के इटमा नदी तीर पर निवासरत शुक्ला बस सर्विस के संचालक आत्मानंद शुक्ला का आया है जहाँ वह इन तमाम बोझ तले दबने के बाद आत्म सयंम खो कर अपनी जान दे दी।आत्मानंद शुक्ला ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया जिसके बाद उसको इलाज के लिए बिरला अस्पताल ले जाया गया था जहाँ उसने अपनी अंतिम सांस ली है।बताया गया कि RTO विभाग द्वारा हर 1 से 2 मिनट मे दूसरी बस का परमिट जारी किया जाता है बाबजूद कम समय मे उपलब्ध सवारियों से ही अपनी बस को बस संचालक चलाता है जिससे वह समय पर फाइनेंस कंपनी की क़िस्त भी नही दे पाता ऐसे मे जारी लॉक डाउन के बीच स्थिति पूरी तरह से बस मालिको के हाथ से निकल गई है जिससे अब वह आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाने को मजबूर है।