Mon, Dec 22, 2025

MP में रेप पीड़िता की मदद करना भूल गई सरकार, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

Written by:Amit Sengar
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MP में रेप पीड़िता की मदद करना भूल गई सरकार, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

Satna News : सतना की नाबालिग बच्ची उज्जैन में दरिंदगी का शिकार होने के बाद देश प्रदेश की सरकारों की नींद उड़ गई थी, गांव के सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री तक में रेप पीड़िता और उसके परिवार को आर्थिक मदद व अनेको योजनाओं से सहायता देने की घोषणाओं की झड़ी लगा दी थी, पीड़िता व उसके परिवार को न जाने क्या-क्या ख्वाब दिखाए गए और लोक लुभावन घोषणाएं की गई थी, रात गई बात गई की तर्ज पर.. न सिर्फ प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री बल्कि जिला प्रशासन से लेकर सरपंच तक आर्थिक मदद और सारी घोषणाएं भूल गए, सरकारी योजना लाभ की घोषणा महज घोषणा ही साबित हुई, पीड़िता को घर सतना आए करीब 12 दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक उसे व उसके परिवार को किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता मिली है और ना ही किसी योजनाओं का लाभ ही मिला है, पीड़िता के घर वापस आने के 12 दिन बाद भी शासन प्रशासन का कोई जिम्मेदार अफसर या उनका कोई नुमाइंदा या जनप्रतिनिधि मदद करना तो दूर हाल-चाल तक जानने की जरूरत नहीं समझी, एक तरफ पीड़िता के परिजन किसी भी प्रकार की कोई भी सरकारी सुविधा सहायता मिलने से इनकार कर रहे हैं वही जिला प्रशासन के जिम्मेदार केवल जबानी जमा खर्च की बात करते हुए आर्थिक सहायता की सरकारी प्रक्रिया की जटिलताओं का हवाला दे रहे है ।

यह है मामला

सतना के जैतवारा थानाक्षेत्र के एक छोटे से गांव में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली मासूम दलित नाबालिग बच्ची स्कूल गई थी, शाम को जब वह स्कूल से वापस घर नहीं आई तो परिजनों ने काफी पता तलाश किया जब वह नहीं मिली तो 25 सितंबर को थाने में गुमशुदगी दर्ज कर दी, आदत के मुताबिक पुलिस मामला दलित गरीब परिवार से जुड़ा होने से मासूम छात्र को ढूंढने की बजाय हाथ पे हाथ धरे बैठी रही, उज्जैन के महाकाल इलाके में जब बच्ची के साथ विभात्स्य बलात्कार को अंजाम देकर दरिंदो ने लहूलुहान हालत में छोड़ दिया और मामला मीडिया में सुर्खियां बना तो सतना पुलिस ही नहीं देश प्रदेश का शासन सत्ता का सिंहासन डोल गया था, सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री तक मामले में रफू करने की कोशिश करने लगे, पीड़िता और उसके परिवार को अनेकों योजनाओं से सुविधा व आर्थिक सहायता देने की घोषणा की झड़ी लगा दी गई, करीब एक माह तक रेप पीड़िता मासूम बच्ची मौत जिंदगी से जूझती रही, इलाज के बाद उसकी जान बचा ली गई, स्वस्थ होने के बाद 12 अक्टूबर को परिजन रेप पीड़िता को लेकर सतना आ गये।

पुलिस कचहरी जिला प्रशासन की खानापूर्ति वाली कार्रवाई करने के बाद बच्ची को लेकर अपने घर चले गए, करीब 12 दिन गुजर जाने के बाद भी मुख्यमंत्री से लेकर पंचायत तक की गई घोषणाओं पर अमल, सरकारी योजनाओं का लाभ व आर्थिक सहायता नही मिल सकी है, रेप पीड़िता के परिजन कोई भी सरकारी सुविधा या आर्थिक मदद मिलने से खुलेआम इनकार कर रहे हैं, सरकारी घोषणाओं को महज खानापूर्ति बता रही हैं, जनप्रतिनिधि सरकार और जिला प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की घोषणाएं महसूस चुनावी घोषणा ही साबित हुई है, जिम्मेदार सरपंच जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन व मुख्यमंत्री अपने द्वारा की गईं घोषणा भूल चुके हैं, रेप पीड़िता और उसका परिवार अपनी ही गरीबी में जीने को मजबूर है, जब हमने इस बारे में जिला मुख्यालय में बैठे जिम्मेदार अफसर से बात की तो टका सा जवाब मिला।

उन्होंने सरकारी योजनाओं की जटिल प्रक्रिया का हवाला देते हुये राष्मदयगी अदायगी भरा बयान देकर अपना पल्ला झाड़ लिया, एक गरीब दलित मासूम छात्रा और उसके परिवार का मामला होने से ठंडी बस्ते में चला गया, पीड़िता की आंखों में घटना के दर्द की दास्तान साफ देखी जा सकती है, पीड़ित परिजन का चेहरे पर घटना का खौफ और अपने गरीब होने का अहसास की बेबसी साफ नज़र आ रही है, बेरहम दुनिया के जख्म और सरकारी वायदा खिलाफी का दंश सबकुछ साफ साफ नजर आ रहा है, वक़्त चुनावी है, सरकारी वायदा खिलाफी सत्ताधारियों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है।

सतना से मो.फारुख की रिपोर्ट