52 शक्तिपीठों में से एक है मैहर मां शारदा देवी मंदिर, जानिए कैसे पड़ा यह नाम और पौराणिक कथा

मैहर में त्रिकूट पर्वत पर मां शारदा देवी का मंदिर स्थित है। बता दें कि यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। यहां हर दिन भक्तों की लंबी कतार देखने को मिलती है।

Sanjucta Pandit
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Satna News : मध्य प्रदेश के मैहर में त्रिकूट पर्वत पर मां शारदा देवी का मंदिर स्थित है। बता दें कि यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। यहां हर दिन भक्तों की लंबी कतार देखने को मिलती है। इसके अलावा, हर साल बसंत पंचमी के दिन यहां बड़ा मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। मां शारदा देवी को शिक्षा, ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है। वह छात्रों और विद्यार्थियों की कुलदेवी हैं। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको ये बताते हैं कि आखिर कैसे इस स्थान का नाम मैहर पड़ा और इसके पीछे की पौराणिक कथा क्या है।

52 शक्तिपीठों में से एक है मैहर मां शारदा देवी मंदिर, जानिए कैसे पड़ा यह नाम और पौराणिक कथा

सालों भर रहती है भीड़

ऐसी मान्यता है कि जो लोग देवी शारदा की पूजा मन से करते हैं, उन पर देवी मां अपनी कृपा सदैव बनाए रखती हैं। साथ ही वह अपने भक्तों को बुद्धि और ज्ञान के क्षेत्र में सफलता प्रदान करती है। कहा जाता है कि जो भक्त एक बार इस दरबार में माता के आगे अपना माथा टेक लेता है, उन्हें कभी निराशा हाथ नहीं लगती है। इसलिए सालों भर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है।

चढ़नी पड़ती है इतनी सीढ़ियां

मैहर में शारदा देवी धाम तक पहुंचने के लिए त्रिकूट पर्वत पर लगभग 1063 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, जो कि कई भक्तों के लिए एक चुनौतीपूर्ण यात्रा होती है। हालांकि, कई लोग मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे यानी उड़न खटोले का सहारा लेते हैं, जिससे यात्रा सुगम बन जाती है लेकिन रोपवे स्टेशन पर उतरने के बाद उन्हें थोड़ी सीढ़ियां फिर भी चढ़नी पड़ती है।

जानें पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब शक्ति स्वरूपा मां सती ने यज्ञ कुंड में कूद कर आत्मदाह कर लिया था, तब भगवान शिव उनके शव को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूम रहे थे। इस दौरान माता के शरीर का जो भी अंग जहां-जहां धरती पर गिरा, वहां उनका पवित्र स्थान शक्तिपीठ बन गया। उनमें से एक मैहर का मंदिर भी शामिल है और इस स्थान का नाम मैहर इसलिए पड़ा क्योंकि यहां पर मां सती का हार गिरा था।

कैसे पहुंचे मैहर

  • बस
  • निकटम रेलवे स्टेशन
  • खुद का वाहन

इन बातों का रखें खास ख्याल

हालांकि, अधिक सीढ़ियों से चढ़ने से पहले आपको अपनी स्वास्थ्य स्थिति का ध्यान रखना चाहिए ताकि आप सुरक्षित रह सकें। अधिकतर लोग दर्शन करने के लिए शारदा पीठ पर ट्रेकिंग से जाते हैं। यहां एक हजार से अधिक सीढ़ियां हैं जिससे ऊपर पहुंचने में लगभग 3 से 4 घंटे का समय लग जाता है। इसलिए चढ़ने से पहले खास ध्यान रखें।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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