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Sun, Dec 7, 2025

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे को गर्भ में मृत बताया, प्राइवेट अस्पताल में हुई स्वस्थ डिलीवरी, सतना का मामला

Written by:Shruty Kushwaha
एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की लापरवाही उजागर हुई है। सतना जिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए पहुंची महिला के गर्भस्थ शिशु को डॉक्टरों ने मृत बता दिया और अबार्शन की तैयारी भी कर ली। लेकिन परिजनों ने उनकी बात नहीं मानी और महिला को प्राइवेट अस्पताल में ले गए जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे को गर्भ में मृत बताया, प्राइवेट अस्पताल में हुई स्वस्थ डिलीवरी, सतना का मामला

सतना जिला अस्पताल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है और गंभीर मामला सामने आया है, जहां डाक्टरों की लापरवाही ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल जिला चिकित्सालय में एक गर्भवती महिला के गर्भ में में पल रहे बच्चे को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। लेकिन जब परिजन महिला को निजी अस्पताल में लेकर गए तो जाँच के बाद बच्चा जीवित पाया गया और सुरक्षित डिलीवरी के बाद एक स्वस्थ लड़के का जन्म हुआ।

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ने गर्भवती महिला के अबार्शन की सलाह देते हुए परिजनों से फॉर्म पर हस्ताक्षर कराने की तैयारी भी कर ली थी। लेकिन परिजनों ने उनकी बात नहीं मानी और महिला को एक निजी अस्पताल ले गए। फिलहाल मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

सरकारी अस्पताल ने गर्भ में शिशु को मृत बताया, प्राइवेट अस्पताल में स्वस्थ बच्चे का जन्म

मैहर जिले के अमरपाटन के चकरा गांव की रहने वाली दुर्गा द्विवेदी लेबर पेन के बाद चौदह जुलाई को अमरपाटन स्वास्थ केंद्र में भर्ती हुई थी। वहां से डाक्टरों ने उन्हें सतना जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। जब परिजन उन्हें सतना सरदार वल्लभभाई पटेल जिला चिकित्सालय लेकर आए तो यहां के डॉक्टरों ने जांच परीक्षण के बाद गर्भ में पल रहे बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने अबार्शन की सलाह देते हुए महिला के पति को फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा।

लेकिन महिला के घरवालों ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों की ये सलाह नहीं मानी और उसे पास के ही एक निजी अस्पताल ले गए। वहां के डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बताया कि बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है। इसके बाद वहीं पर महिली की सुरक्षित डिलीवरी की गई और उसने एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया।

परिजनों ने की कार्रवाई की मांग 

इस घटना के बाद एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की लापरवाही और बदइंतज़ामी सामने आ गई है। दुर्गा द्विवेदी के पति राहुल द्विवेदी और उनके घरवालों ने जिला अस्पताल की इस गंभीर लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई है और संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर वो सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की बात मान लेते तो आज जो खुशियां उनके घर आई है वो छिन जाती। ये कोई पहली बार नहीं है जो सरकारी अस्पतालों की लापरवाही और असावधानी का मामला सामने आया हो। अक्सर इस तरह की घटनाएं उजागर होती रहती हैं जिस कारण सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति लोगों का अविश्वास कम नहीं हो पाता है। फिलहाल इस मामले पर जिला अस्पताल के मुखिया सीधा बयान देने से बचते रहे लेकिन मोबाइल पर उन्होंने जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई करने की बात कही है।

सतना से मो. फारूक की रिपोर्ट