Satna News : महिला एवं बाल विकास के अधिकारी-कर्मचारियों ने निकाली रैली, किया कलेक्ट्रेट का घेराव

Amit Sengar
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Satna Women and Child Development Department Strike News : सतना में महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त मोर्चा संघ के 5 हजार अधिकारी एवं कर्मचारियों ने शहर में रैली निकाली और कलेक्ट्रेट का घेराव भी किया, जिसमें सतना कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है, हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे संयुक्त मोर्चा के यह अधिकारी कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर नारेबाजी की, और कलेक्ट्रेट गेट पर थाली बजाकर अपना विरोध दर्ज कराया है, अपनी मांगों को लेकर यह संगठन लगातार हड़ताल में है, वही लाडली बहना योजना की ऑनलाइन फीडिंग का काम 25 मार्च से शुरू होना था इस हड़ताल के कारण सारे कैंप सुन्न पड़े है।

यह है मांग

बता दें कि संयुक्त मोर्चा संघ द्वारा 30 वर्षों से परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक की बेतन विसंगति, प्रमोशन, संविदा पर्यवेक्षक का नियमितकरण, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं को नियमित करने, वेतन मान जैसी कई मांगों का ज्ञापन विगत वर्षों में शासन को सौंपा गया है, लेकिन उस पर कोई भी सुनवाई अबतक नही हुई, लिहाजा महिला बाल विकास के अधिकारी एवं कर्मचारियों का संयुक्त मोर्चा संघ बीते 15 मार्च से लगातार हड़ताल पर है।

कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

आए दिन यह संघ आंदोलन धरना प्रदर्शन करते सरकार का ध्यानाकर्षण कर रहा है, आज तकरीबन छह हजार अधिकारी कर्मचारी जिनमें से सबसे अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बड़ी संख्या में शामिल हुई, उन्होंने सतना की सिविल लाइन चौपाटी से मानव श्रृंखला बनाकर शहर में रैली निकाली,, सतना कलेक्ट्रेट पहुंचकर गेट में घेराव भी किया, इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई और थाली बजाकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया, संघ ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है, जिसमें संयुक्त मोर्चा संघ के तमाम मांगे शामिल है, साथ ही चेतावनी भी दी है की मांगे जल्द पूरी नहीं हुई तो संयुक्त मोर्चा संघ भूख हड़ताल पर भी जाएगा।
सतना से पुष्पराज सिंह बघेल की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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