सीहोर
कोरोना संकटकाल में हर तरफ नकारात्मक माहौल दिखाई दे रहा है, लेकिन हमें हर हाल में इस नकारात्मकता से उबरना ही होगा। और इसके लिये कला व साहित्य से अच्छा कोई रास्ता नहीं। कई लोग ऐसे हैं जो इस माहौल में भी अपने भीतर की सकारात्मकता को न सिर्फ बचाए हुए है बल्कि उसे बखूबी अभिव्यक्त भी कर रहे हैं।