खाद की किल्लत, नाराज किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंच सौंपा ज्ञापन

सीहोर। रबि की फसल की बोवनी किये कृषकों को एक माह बीत गया है, किसान पानी की सिचाई कर रहा है, जिसमें सिचाई से पूर्व खाद का छिडक़ान होना आवश्यक रहता है। परन्तु सोसायटियों में खाद नहीे होने के कारण किसान परेशान है और उसकी गेहूं की फसल खाद के अभाव पीली पड़ रही है, इसी को लेकर ग्राम बमूलिया बड़ा के समाज सेवी अन्तर सिंह परमार द्वारा  ग्राम बमूलिया बड़ा, बडऩगर, सागोनी, उल्झावन, काहिरी, धामनखेड़ा, धबोटी, धामन्दा के ग्रामीण किसानों ने मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्ट्रेट पहुंचकर कर ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि पूर्व में अतिवृष्टि के कारण किसानों खरीफ की फसल नष्ट हो गई थी और जब किसानों द्वारा  गेहूं (रबि) की फसल की बोवनी किये 25 से 30 हो गये हैं और खाद के अभाव में गेहूं की फसल पीली पडऩे लगी है। जबकि नियमानुसार गेहूं की फसल की बोवनी के 15 दिन में खाद का छिडक़ाव कर सिचाई करना अनिवार्य है। परन्तु शासन द्वारा सोसायटियों में खाद भण्डारण नही किये जाने के कारण किसान दिन भर लाईन में लगने के बाद भी खाद नही मिल रहा है और आलम यह है कि पुरा दिन लाईन में लगने के बाद 10-10 एकड़ जमीन वाले किसनों को दिन भर में बामुश्किल खाद की  मात्र 1-2 बोरी ही नसीब हो रही है और कई किसानों को खाली हाथ ही वापस जाना पड़ रहा हैं, जबकि एक एकड़ भूमि में सिचाई के समय कम से कम एक खाद की बोरी का छिडक़ाव होना अनिवार्य है।

किसानों ने यह भी बताया है कि सोसायटियों में खाद उपलब्ध नही है परन्तु विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि  बाजार में खाद चोरी छुपे दोगुने दाम मिल रहा है।


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