गौरतलब है कि निकाय चुनाव की डेट आ चुकी है और पांच सरपंच के लिए लोगों ने आवेदन भी देना शुरू कर दिया है। ऐसे में यह सिवनी से आने वाली खबर बहुत ज्यादा चौंकाने वाली भी है। गांव के लोगों की समस्या का निदान न करना वहां के विधायक से लेकर पूरे प्रशासनिक अमले पर सवाल उठता है कि क्या केवल वह वोट लेकर अपना हुकुम चला रहे हैं? क्या प्रशासन केवल बड़े लोगों के लिए है?
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इस साल गर्मी ने अपने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वही दुनिया भर के सबसे गर्म जगहों में मध्यप्रदेश के ही एक शहर का नाम आ चुका है। पानी की किल्लत गर्मी मे बनी रहती है। जिसके चलते लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में क्या प्रसाशन की जिम्मेदारी नहीं की उन्हें पानी के टैंकर उपलब्ध करवाएं जाएँ।
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गांव वालों की माने तो यहाँ दो कुएं हैं और दोनों ही सूख चुके हैं। किसी तरह स्कूल के हैंडपंप से काम चल रहा है। चुनाव के लिए आवेदन न मिलने पर प्रशासन गांव पहुंचकर लोगों को समझा रहा है। लेकिन कोई भी पंच और सरपंच के लिए आवेदन देने को तैयार नहीं हुआ। इसके साथ ही ग्रामीणों ने मामले को साफ़ करते हुए कहा कि पानी नहीं तो चुनाव नहीं।
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एक महिला से बात करने पर बताया कि यह कुआँ में पानी नहीं है। जिस हैंड पंप से पानी लाते हैं वह स्कूल का है। अब आप बताइये ये भी बंद हो गया तो हम पानी कहाँ से पिएंगे। अन्य जगह पर खुदाई कर नल लगवा दिए गए हैं। परन्तु यहाँ कोई सुनवाई नहीं है।