शहडोल।
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के लिए हुए मुकाबले में शहडोल लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार हिमाद्री सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रमिला सिंह को 4,03,333 मतों से शिकस्त दी। हिमाद्री सिंह ने 7,47,977 वोट हासिल किए जबकि कांग्रेस उम्मीदवार प्रमिला सिंह को 3,44,644 मत मिले।खास बात तो ये रही कि शहडोल सीट पर भी पूर्व मंत्री और मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह की नाराजी भी असर नहीं दिखा पाई। उन्होंने खुलेआम पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया था पर वह भी कारगर नहीं हुआ। यहां तक की वोटिंग वाले दिन वे मतदान करने भी नही पहुंचे थे और सारा दिन अपने घर पर ही रहे , बावजूद इसके हिमाद्री ने चार लाख से अधिक वोटों से जीतकर विजय हासिल की।
बीजेपी के लिए यहां जीत हासिल करना बड़ी चुनौती थी, क्योंकि पार्टी ने वर्तमान सांसद ज्ञान सिंह का टिकट काट कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुई हिमाद्री को टिकट दे दिया।इससे ज्ञान सिंह नाराज हो गए थे और उन्होंने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था, हालांकि पार्टी नेताओं की समझाइश के बाद उन्होंने पर्चा वापस ले लिया था , लेकिन प्रचार करने से मना कर दिया था। वही स्थानीय नेताओं ने भी हिमाद्री को बाहरी उम्मीदवार बताकर नकार दिया था, हालांकि बड़े नेताओं ने लगातार यहां पकड़ बनाए ऱखी और दर्जनों सभाएं की। जिसका नतीजा यह हुआ कि हिमाद्री विरोध के बावजूद जीत का परचम लहराने में कामयाब हुई।जबकी कांग्रेस विधानसभा में बेहतर प्रदर्शन करने और चार विधायकों के होने के बावजूद यहां से जीत हासिल नही कर पाई।
खास बात त�� ये है 2016 के उपचुनाव में ज्ञान सिंह ने ही कांग्रेस के हिमाद्री सिंह को हराया था। 2014 में जीतने वाले बीजेपी के दलपत सिंह परस्ते का निधन होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था जिसमें हिमाद्री कांग्रेस की ओर से ज्ञान सिंह के सामने खडी थी और बाद में 2019 के लोकसभा चुनाव से कांग्रेस को झटका देते हुए बीजेपी में शामिल हो गई।हिमाद्री कांग्रेस के कद्दावर नेता दलबीर सिंह की बेटी है। बीजेपी ने इसे ही ढाल बनाकर कांग्रेस के सामने भेजा तो कांग्रेस ने भी परंपरा तोड़कर भाजपा की बागी महिला नेत्री को अपना उम्मीदवार बनाया।बावजूद इसके वह जीत नही दिला पाई और हिमाद्री विजयी हुई।