चीन के AI असिस्टेंट DeepSeek ने अमेरिका और पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। दरअसल, अमेरिका की Nvidia बुरी तरह प्रभावित हुई, जिसके बाद DeepSeek की चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी। बेहद कम लोग जानते हैं कि इसके पीछे 29 वर्षीय शोधकर्ता लुओ फुली (Luo Fuli) का बहुत बड़ा योगदान है। चलिए इस खबर में जानते हैं कि कौन हैं लुओ फुली।
दरअसल, लुओ फुली ने नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग में महारत हासिल की है। DeepSeek की सफलता के बाद चीन के मीडिया एआई प्रोडिजी” (AI Prodigy) ने लुओ फुली को विशेष सम्मान दिया है। दुनिया भर में DeepSeek की सफलता के बाद लुओ फुली का नाम चर्चा में आ गया है।
कौन हैं लुओ फुली (Luo Fuli)?
बता दें कि लुओ फुली की पढ़ाई बीजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी से शुरू हुई थी। शुरुआती समय में उन्हें संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्हें पेकिंग यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स में प्रवेश मिल गया। लुओ फुली ने 2019 में प्रतिष्ठित ACL कॉन्फ्रेंस में आठ रिसर्च पेपर पब्लिश किए, जिसके बाद उनका नाम चर्चा में आ गया। अपनी रिसर्च के बाद लुओ फुली ने अपने काम के चलते अलीबाबा और श्याओमी जैसी बड़ी टेक कंपनियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। उन्हें अलीबाबा में काम करने का मौका मिला और वहां उन्होंने दामो अकैडमी में शोधकर्ता के रूप में काम किया।
11.5 करोड़ रुपये का ऑफर भी मिला
दरअसल, अलीबाबा में लुओ फुली ने मल्टीलिंगुअल ट्रेनिंग मॉडल (VECO) और ओपन सोर्स प्रोजेक्ट Alicemind को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2022 में लुओ फुली ने DeepSeek के लिए काम करना शुरू कर दिया। इसे 2022 में एक क्वांटिटेटिव हेज फंड हाई फ्लायर के नाम से जाना जाता था। इस दौरान लुओ फुली ने कई बड़े लैंग्वेज मॉडल तैयार किए। वहीं, 2023 में DeepSeek को लॉन्च करने की घोषणा की गई। लुओ फुली ने DeepSeek V2 के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बता दें कि लुओ फुली की काबिलियत को देखकर श्याओमी के संस्थापक लेई जुन ने उन्हें 10 मिलियन युआन यानी भारतीय रुपये में करीब 11.5 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था।