शाजापुर। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने सीएमएचओ कार्यालय में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीएम) राहुल जैन , प्रभारी लेखा अधिकारी रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है।वही इस खेल में शामिल आपरेटर नवीन अग्रवाल भी शामिल रहे। आरोप है कि तीनों ने जिला सूचना शिक्षा संचार सलाहकार (आईईसी) लालसिंह परमार से चार माह का वेतन का भुगतान कराने के नाम पर रिश्वत की मांग थी । फिलहाल पुलिस ने तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, सीएमएचओ कार्यालय में नियुक्त जिला सूचना शिक्षा संचार सलाहकार (आईईसी) लालसिंह परमार को पिछले चार महिनों से वेतन नही मिला है। यह बात परमार ने जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीएम) राहुल जैन और प्रभारी लेखा अधिकारी से की तो उन्होंने इसके लिए 20 हजार की रिश्वत की मांग कर डाली। इसकी शिकायत परमार ने लोकायुक्त से कर दी। शिकायत के बाद मोबाइल व वाइस रिकार्डिंग के माध्यम से रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि लोकायुक्त ने की।इसके बाद योजना बनाकर परमार को रुपए पर केमिकल लगाकर अधिकारियों के पास भेजा । जैन और अग्रवाल परमार को छत पर ले गए और वहां रिश्वत के 20 हजार ले लिए। जैसे ही दोनों ने रुपए लिए लोकायुक्त टीम ने दोनों जैन और अग्रवाल को रंगेहाथों पकड़ लिया।
लालसिंह से रुपए लेने के बाद डीपीएम जैन और आपरेटर अग्रवाल ने रुपए आपस में बांट लिए थे। लोकायुक्त ने दोनों की पेंट उतरवाई। पेट में रखे रुपए जब्त किए। उसे पानी से धोया और वह लाल हो गई। लोकायुक्त की टीम को देख दोनों घबरा गए और बहाने बनाने लगे कि रुपए उधार दिए थे।इस दौरान दोनों ने हाथ छुड़ाकर भागने की भी कोशिश की तो लोकायुक्त अफसरों ने उन्हें दो चांटे रसीद कर दिए। इसके बाद दोनों ही चुप हो गए। हैरानी की बात ये है कि तीनों संविदा में नियुक्त हैं।
इस दाैरान लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा ने डीपीएम जैन व अग्रवाल के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए उनकी गिरफ्तारी ली। बाद में उन्हें मुचलके पर छोड़ दिया।