कूनो नेशनल पार्क में अब Cheetah सूरज की मौत, 8 चीतों की मौत के बाद हडकंप, जिम्मेदार मौन

Atul Saxena
Published on -

Cheetah Died in Kuno National Park : मप्र के कूनो नेशनल पार्क को चीतों की बसाहट के लिए देश में सबसे बेहतर, सुरक्षित और अनुकूल बताने वाले वन विभाग के अफसर लगातार होती मौतों के बाद चुप्पी साध गए हैं, आज एक और चीता सूरज ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि गश्ती दल को चीता सूरज सुस्त अवस्था में दिखाई दिया पास जाकर देखा तो वो मृत अवस्था में था, सूरज को मिलकर अब तक 8 चीतों की मौत हो चुकी है जो चीता प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आये 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़कर चीता प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी, दूसरी खेप में दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी को 12 चीते और आये थे।

चीता प्रोजेक्ट को आज एक झटका और लगा जब कूनो नेशनल पार्क से चीता सूरज की मौत की खबर बाहर आई, वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह 6:30 बजे चीता निगरानी दल ने पालपुर पूर्व परिक्षेत्र के मसावनी बीट में नर चीता सुस्त अवस्था में लेटा पाया। दल ने जब चीता के नजदीक जाकर देखा तो उसके गले के पास मक्खियाँ उड़ रही थी, नजदीक पहुँचते ही चीता जंगल में अन्दर चला गया, गश्ती दल ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम को वायरलैस से दी।

सूरज की गर्दन और पीठ पर गहरे घाव 

चिकित्सक और नेशनल पार्क के अधिकारी ढूंढते हुए करीब 9 बजे चीता के पास पहुंचे तो चीता सूरज मृत अवस्था में मिला, अधिकारियों ने शुरुआती जांच में चीता सूरज की मौत का कारण सूरज की गर्दन और पीठ पर हुए घाव को बताया है। सूरज को 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था और 25 जून को खुले जंगल में छोड़ा गया था।

अब तक 8 चीतों की मौत

इस घटना के बाद से वन विभाग के अधिकारी इस विषय में कुछ नहीं बता रहे, कुनो नेशनल पार्क एक डीएफओ प्रकाश वर्मा से कई बार संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका, आपको बता दें कि सूरज को मिलाकर अब तक 8 चीतों की मौत कूनो नेशनल पार्क में हो चुकी है। जिनमें 5 बड़े और 3 शावक शामिल हैं। गौरतलब है कि नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते कूनो नेशनल पार्क लाये गए थे, जबकि एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म देकर इनका कुनबा बड़ा दिया था, अब केवल एक शावक और 15 बड़े चीते बचे हैं ।

कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत

  • 27 मार्च को सबसे पहले किडनी में संक्रमण के चलते चार साल की मादा चीता साशा की मौत हुई, इसकी बीमारी के बाद बहुत प्रार्थनाएं की गई लेकिन कुछ काम नहीं आई।
  • 23 अप्रैल को नर चीता उदय की  मौत हो गई, मौत का कारण हार्टअटैकबताया गया। उदय को उसके बाड़े में लड़खड़ाकर  चलते हुए अचानक बहोश होते देखा गया था।
  • 9 मई को बाड़े में दो नर चीतों अग्नि और वायु के साथ संघर्ष में मादा चीता दक्षा की मौत हो गई।
  • 23 मई को कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता सियाया (ज्वाला) के चार शावकों में से एक चीता शावक की मौत हुई।
  • 25 मई को चीता ज्वाला के दो अन्य शावकों की मौत हो गई ।
  • 11 जुलाई को नर चीता तेजस की मौत हो गई। इसकी मौत का कारण ट्रॉमेटिक शॉक बताया गया।
  • 14 जुलाई को नर चीता सूरज की मौर हो गई, निगनी दल को ये घायल अवस्था में मिला था।

About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News