Kuno National Park: कूनो के गलियारों में फिर गूंजी किलकारी , मादा चीता गामिनी ने दिया पांच शावकों को जन्म, मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा “High Five, kuno!”

पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट के तहत दो चरण में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीतों को लाया गया था।

Shashank Baranwal
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Kuno National Park: मध्य प्रदेश के श्योपुर स्ति कूनो नेशनल पार्क से एक खुशखबरी सामने आई है। जहां साउथ अफ्रीका से मादा चीता गामिनी ने 5 शावकों को जन्म दिया है। वहीं अब तक भारत में कुल 13 शावकों का जन्म हो चुका है। इसके साथ ही कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या कुल 26 हो गई है। इन शावकों के जन्म से वन विभाग की टीम बेहद खुश नजर आ रही है। इस बात की जानकारी केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए दी।

मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

5 शावकों के जन्म को लेकर मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट शेयर करते हुए जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने High Five, kuno! लिखा। साथ ही उन्होंने बताया कि साउथ अफ्रीका के त्वालु कालाहारी रिजर्व से लाई गामिनी चीता ने आज रविवार को पांच शावकों को जन्म दिया है। वहीं देश में जन्में चीतों की संख्या 13 हो गई है। इसके अलावा उन्होंने लिखा कि यह देश की धरती पर चौथा चीतों का कुनबा है जबकि साउथ अफ्रीका से लाए गए चीतों का पहला कुनबा है।

वन विभाग की टीम को दी बधाई 

इस दौरान वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने X पोस्ट शेयर करते हुए वन विभाग की टीम को बधाई दी। उन्होंने जिन्होंने चीतों के लिए तनाव मुक्त वातावरण बनाने के लिए खासकर वन अधिकारियों, पशुचिकित्सकों और फील्ड स्टाफ की टीम को बधाई दी है।

दो चरण में लाए गए थे चीते 

गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट के तहत दो चरण में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीतों को लाया गया था। जिसमें 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया था। जबकि फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से 12 चीतों को लाया गया था। हालांकि दिसंबर में 4 चीतों की मौत देखने को मिली थी।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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