शिवपुरी।
चुनाव से पहले समर्थकों का नेताओं के प्रति प्रेम जमकर उमड़ रहा है। समर्थकों का ये प्रेम देख नेता भी भावुक होने से नही रह पा रहे है। बीते दिनों ही कांग्रेस की एक सभा में कांग्रेस प्रत्याशी विजय चौरे ने चुनाव जीतने के बाद अपना इस्तीफा पीसीसी कमलनाथ को सौंपने की बात कही थी। जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। अब कोलारस सीट के रन्नौद कस्बे में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीतने के ठीक पांच दिन बाद ही सीट छोड़ने का दावा किया है। खास बात ये है कि जिसके लिए प्रत्याशी ने सीट छोड़ने का वादा किया है वो और कोई नही बल्कि गुना सांसद और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया है।
दरअसल, इन दिनों सिंधिया शिवपुरी-ग्वालियर में सभाएं पर सभाएं कर रहे है।रविवार देर शाम रन्नौद कस्बे में वे कोलारस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र यादव के समर्थन में चुनावी सभा करने पहुंचे थे। यहां सिंधिया ने सभा को संबोधित किया । इसके बाद माइक हाथ में लेकर महेन्द्र सिंह लेकर ऐलान किया कि यदि मैं चुनाव जीता तो 16 तारीख को इस्तीफा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए सीट छोड़ दूंगा। फिर इस सीट से सिंधिया सीएम पद के लिए चुनाव लड़ेंगे। सिंधिया लोकसभा की गुना सीट से सांसद हैं।चौंकाने वाली बात यह थी उसी मंच से थोड़ी देर बाद भाषण दे रहे सिंधिया ने भी माना कि यह संभव है।
बता दे कि समर्थकों और कार्यकर्ताओं द्वारा लंबे समय से सिंधिया को सीएम बनाने की मांग उठती आई है, लेकिन कांग्रेस द्वारा इस बात को टाल दिया जाता रहा है कि कांग्रेस में सभी नेता एक समान है और सभी एक साथ चुनाव लड़ रहे है, चुनाव से पहले सीएम उम्मीदवार घोषित करने की कांग्रेस की कोई परंपरा नही।ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में यदि कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो वे मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं। इसी के मद्देनजर उनके खासे समर्थक माने जाने वाले महेंद्र यादव ने नतीजे तो ठीक मतदान से भी पहले ही जीतने पर सीट छोड़ने का ऐलान कर दिया। सभा में मौजूद सिंधिया ने अपने कहा कि महेंद्र ने जो भाषण में कहा वो भी संभव है।
इसके पहले इस कांग्रेस प्रत्याशी ने की थी घोषणा
बीते दिनों इसी तरह का घटनाक्रम कमलनाथ के साथ भी घटा था।बीते दिनों कमलनाथ सौंसर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विजय चौरे के समर्थन में छिंदवाड़ा पहुंचे थे, जहां विजय चौरे ने अपने भाषण के दौरान कहा कि जैसे ही 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आएगा, वे जीतने के बाद सबसे पहले अपना इस्तीफा कमलनाथ को सौंपे देंगें। क्योंकि सौंसर की जनता को विधायक नहीं मुख्यमंत्री चाहिए, सौंसर को सीएम कमलनाथ चाहिए। इस दौरान विजय चौरे ने कमलनाथ से अपने पिता के रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि रेवनाथ चौरे और कमलनाथ को छिंदवाड़ा की जोड़ी कहा जाता था। इन पुरानी यादों को सुनकर कमलनाथ भावुक हो गए और उनकी आंखे नम हो गई।