शिवपुरी, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के शिवपुरी (Shivpuri) से शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां पर एक घायल को शिवपुरी जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। घायल को ले जाने वाले एंबुलेंस चालक ने मरीज की गंभीर हालत को अनदेखा करते हुए अपना भाड़ा मांगना जरूरी समझा। हद तो तब हो गई जब उसने बीच सड़क पर एंबुलेंस को खड़ा कर दिया।
यह पूरा मामला शिवपुरी के डविया गांव के कल्लू आदिवासी नामक व्यक्ति के साथ हुआ है। वह बाइक से शाजापुर जा रहा था तभी हादसे का शिकार हो गया। हादसे के बाद उसे करैरा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। जहां से डॉक्टरों द्वारा प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे शिवपुरी जिला अस्पताल रेफर किया गया।
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हादसे की सूचना मिलने के बाद घायल के परिवार वाले करैरा स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच गए थे। यहां से उसे शिवपुरी के जिला अस्पताल भेजा दिया। अव्यवस्था तब सामने आई जब घायल को भिजवाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। स्थिति को देखते हुए परिजनों ने निजी एंबुलेंस को बुलवाया। एंबुलेंस के ड्राइवर ने घायल के परिजनों से शिवपुरी जिला अस्पताल पहुंचाने के लिए 1000 रुपए भाड़ा मांगा।
परिजनों ने शिवपुरी पहुंच कर पैसे देने की बात की और एंबुलेंस में घायल को लेकर शिवपुरी जिला अस्पताल के लिए रवाना हुए। अचानक ही बीच रास्ते में ड्राइवर पहले पैसे देने की बात करने लगा। उसने परिजनों से कहा कि वह पहले पैसे दें तभी वह मरीज को अस्पताल पहुंचाएगा। मजबूरी में परिजन पहले गांव गए और ड्राइवर को पैसे दिए इसके बाद घायल को अस्पताल पहुंचाया जा सका।
घटना की जानकारी जब कुछ समाज सेवकों को लगी तो उन्होंने इसकी निंदा की है। सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन घटना की सूचना मिलने पर जिला अस्पताल पहुंचे और मामले की निंदा करते हुए यह कहा कि अगर कोई अप्रिय स्थिति निर्मित हो जाती तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल तक मरीज को सरकारी एंबुलेंस के जरिए रेफर किया जाना था लेकिन उन्हें यह सुविधा नहीं दी गई। उन्होंने एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है