शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। शिवपुरी (shivpuri) में कोरोना के चलते हालात बहुत ही बुरे है। दस घंटे में पांच कोरोना मरीजों (corona patients) की मौत (death) हो गई। गुरुवार काे जिला अस्पताल (district hospital) शिवपुरी के आईसीयू में तीन और मेडिकल कॉलेज के कोविड आईसीयू में भर्ती दो मरीजों ने दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल में दो पुरुष व एक महिला की मौत के बाद शव मुक्तिधाम शिवपुरी ले जाए गए। अंत्येष्टि कराने के लिए मृतकों के परिजन भी पहुंच गए। जिस शव की अंत्येष्टि कराने जा रहे थे, अंतिम दर्शन करने के लिए परिजनों ने उसका चेहरा खुलवाया तो शव पुरुष की बजाय महिला का निकला। दरअसल जिला अस्पताल में तीनों शव पॉलीथिन में पैक कर दिए थे और नगर पालिका की गाड़ी आकर ले गई। पॉलीथिन की वजह से समझ नहीं आया कि शव किसका है।
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कोरोना महामारी की वजह से गंभीर मरीजों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। बुधवार-गुरुवार की रात पांच और कोरोना मरीजों की जान चली गई है। 22 दिन के भीतर 30 कोरोना मरीजों की जान जा चुकी है। कोरोना महामारी को लेकर कई लोग अभी भी गंभीर नहीं हैं और मास्क सिर्फ औपचारिकता के लिए पहन रहे हैं। यह लापरवाही खुद के साथ दूसरों के लिए दु:खदाई साबित हो सकती है।
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एक महिला के परिजन जिद पर अड़े, दो शव एक साथ नहीं ले जाने दिए
मेडिकल कॉलेज में महिला मीना शर्मा और संतो यादव की मौत हुई थी। नगर पालिका के कर्मचारी गुरुवार की सुबह गाड़ी लेकर पहुंचे। दोनों शव एक साथ ले जाने लगे तो मीना शर्मा के परिजन जिद पर अड़ गए और दूसरा शव गाड़ी में ले जाने नहीं दिया। इस दौरान काफी देर हो गई। मीना शर्मा का शव मुक्तिधाम पर ले जाने के बाद ड्राइवर गाड़ी लेकर लौटने लगा तो परिजन फिर जिद करने लगे और कहा कि अंत्येष्टि कराने के बाद ही गाड़ी ले जाओ। काफी बहसबाजी के बाद महिला संतो यादव का शव लेने गाड़ी गई और अंत्येष्टि कराई। इस दौरान दोनों मृतक महिलाओं के परिजनों के बीच भी गहमा-गहमी हो गई थी।