भगवान श्री गणेश को लगाया 51 किलो के लड्डू का भोग

शिवपुरी, मोनू प्रधान। कोलारस जनपद के ग्राम लुकवासा की गणेशपुरा कॉलोनी में स्थित गजानन भगवान को गुरुवार को 51 किलो के लड्डू का भोग लगाया गया। मंदिर पर 51 किलो के एक लड्डू का प्रसाद पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय रहा।

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51 किलो के एक लड्डू का भोग लगाने के संबंध में जब गांव के लोगों से बात की तो उनका कहना था कि यह किसी विशेष प्रयोजन से नहीं किया गया है। उनके अनुसार हर साल 51 किलो लड्डुओं का भोग लगाते थे। इस बार भक्तों के मन में आया कि क्यों न 51 किलो के एक लड्डू का भोग भगवान को लगाया जाए। लेकिन 51 किलो का एक लड्डू बनाना मुश्किल था। जब इस बात पर मंथन चल रहा था तभी एक हलवाई खुद आया और 51 किलो का एक लड्डू बनाने की जिम्मेदारी ली। गांव वाले मानते हैं कि इसमें उनका कुछ नहीं है यह तो भगवान की प्रेरणा है। उनकी ही प्रेरणा से भगवान की मढ़िया मंदिर में बदल गई और 51 किलो लड्डुओं का भोग 51 किलो के लड्डू का भोग बन गया।

लड्डू को बनाने वाले हलवाई का कहना है कि इस लडडू को बनाने में उन्हें 9 घंटे का समय लगा। उन्होंने इस लड्डू को बनाने के लिए 15 किलो बेसन, 8 किलो घी, 28 किलो शक्कर का बूरा, 500 ग्राम काजू, 500 ग्राम किशमिश, 500 ग्राम बादाम, 250 ग्राम पिस्ता, 250 ग्राम डोंडा उपयोग किया है। उनके अनुसार इतने बड़े लड्डू को बंधना बड़ी चुनौती थी, लेकिन यह सिर्फ गजानन की मर्जी से ही संभव हो पाया है।

ये काफी प्राचीन मंदिर है। गांव के सबसे उम्रदराज 99 वर्षीय बुजुर्ग व रिटायर्ड शिक्षक माधो सिंह के अनुसार उन्होंने इस मंदिर को बचपन से ऐसे ही देखा है। उनके अनुसार उनके बुजुर्ग भी यही कहते थे कि वह मंदिर को बचपन से ऐसे ही देखते आ रहे हैं। मंदिर के पुजारी अय्या महाराज बताते हैं कि उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी मंदिर की पूजा करता आ रहा है। बकौल अय्या महाराज उन्होंने मंदिर के पूर्व पुजारी व उनके दादाजी स्व. मूलचंद्र वैरागी ने अपनी डायरी में लिखा हुआ था कि मंदिर की सत्यापन 1444 ईस्वी यानी करीब 634 वर्ष पहले हुई थी।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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