शिवपुरी में रेत माफिया बेखौफ कर रहे उत्खनन, प्रशासन बना मूक दर्शक

सुबह से रात भर दर्जनों से अधिक डम्फर, ट्रैक्टर व अन्य वाहनकर्ताओं का मुख्य व्यापार हो गया है। वे अन्य व्यापार छोडकर रेत का अवैध व्यापार करने में लगे हैं। रोजाना खुलेआम पत्थर, फर्सी, रेत का परिवहन कार्य में लगे हुए हैं।

Shivpuri

Shivpuri News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में अवैध उत्खनन इन दिनों जोरो पर है वहीं जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौन हैं। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण अवैध रेत उत्खननकर्ताओं के हौसले बुलंद हो चुके हैं। सुबह से रात भर दर्जनों से अधिक डम्फर, ट्रैक्टर व अन्य वाहनकर्ताओं का मुख्य व्यापार हो गया है। वे अन्य व्यापार छोडकर रेत का अवैध व्यापार करने में लगे हैं। रोजाना खुलेआम पत्थर, फर्सी, रेत का परिवहन कार्य में लगे हुए हैं। जिम्मेदार प्रशासन की लापरवाही के कारण अवैध उत्खनन को बढ़ावा मिल रहा है। अवैध उत्खनन करने वालों की हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि प्रशासन भी इनके आगे लाचार दिख रहा है।

दो गुटों के बीच फायरिंग की आई नौबत

शिवपुरी जिले के करेरा में रेत माफियाओ द्वारा खुलेआम सैकड़ों जेसीबी मशीनों से करैरा थाना क्षेत्र में मछावली व सुनारी चौकी क्षेत्र में कल्याणपुर उर्फ दबरासानी, रोनिजा, जरगवां, आंदोरा दिहायला, लमकना, कल्याणपुर, चितारी, सोन्हर, सीहोर रेत गांवो में क्षेत्रीय नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण और बंदूक के साएं के दम से खुलेआम रेत माफिया अवैध उत्खनन हो रहा है। वहीं शिवपुरी झांसी फोरलेन पर करेरा के टीला इलाके में एक साथ कई बंदूकधारी खनन माफिया खुलेआम बंदूके लहराता दिखाई दिया। बता जा रहा हैं की अवैध उत्खनन को लेकर माफिया के दो गुट आपस में भिड़ गए। दोनों गुटों के बीच फायरिंग की नौबत तक आ गई थी। लेकिन जिला प्रशासन इस मसले पर चुप्पी ओढ़ी हुई है।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।