शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। शिवपुरी (Shivpuri District) में एक युवक द्वारा करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। यहां जिले भर सहित ग्रामीण क्षेत्रों मे टॉप-30 गुरुकुलम स्कूल की शाखाएं खोलने की कहक़र एक ठग व्यक्ति शिवपुरी आया और खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) के डीजीपी (DGP) को अपना पार्टनर बताया।
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इतन ही नहीं शिवपुरी जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल (School Open Shivpuri ) शुरू करने के लिए किराए से बड़ी बड़ी बिल्डिंग और ऑफिस खोलकर स्कूल में नए नए युवकों को नौकरी देने का झांसा देकर लोगो से 15 से 25 हजार रु. सिक्योरिटी रूप में लिये।इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से मिलकर बच्चों को अच्छी शिक्षा (Education) देने की एवज में उनसे भी फीस वसूली 10 से 15 हजार और फीस में उन्हें कुछ ऑफर भी दिया जिसमें उन्हें 50% की छूट प्रदान की गई ।अब यह व्यक्ति करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गया, जिसकी शिकायत शिवपुरी फिजिकल थाने में दर्ज की गई।
ठग प्रवीणकांत पाठक को बनारस का निवासी बताया गया है। पाठक 6 महीने पहले बनारस गया और फिर शिवपुरी (Shivpuri) का रास्ता ही भूल गया। बताया जा रहा है कि जिले में जितनी भी इसके द्वारा फर्जी शाखाएं खुल गई है, वह सब अभी तक लोगों को बेवकूफ बनाकर खोली गई है। इसमें ना तो किसी भी तरह का पैसा जमा किया गया है और ना ही बिल्डिंग वालों को नई फर्नीचर का पैसा जमा किया है, ना ही बहनों का पैसा जमा किया।
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सिर्फ और सिर्फ लोगों को बातों में फंसाकर है संपूर्ण मामले को अंजाम दिया है और लोगों को अपनी बातों में फंसा कर रुपए भी लिए, वह भी अभी तक नहीं चुकाए है । इस संपूर्ण घटनाक्रम में अच्छी-अच्छी लोगों को करोड़पति रोड़पति बना दिया है।
ये लोग बने ठगी का शिकार
नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रवीणकांत पाठक ने मुझे नौकरी (Job) पर रखकर देकर धोखे में रखा। पहले मुझ पर विश्वास जताया और फिर मेरे साथ ही इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया। मेरे परिवार की सदस्य जैसे मित्र मुकेश श्रीवास्तव से 10 लाख , अनिल शर्मा मधुसूदनगढ़ से 50 हजार, मंजू ठाकुर से 2 लाख, लुकवासा स्टाफ से 90 हजार, केशव प्रसाद भार्गव से 80 रविंद्र शिवहरे से 3 लाख, कल्याण यादव से 2.60 लाख, तपस्या स्टेशनरी से 1.50 लाख, विजयवर्गीय फर्नीचर से 1.84 लाख हजार उधार ले लिए। हालांकि उसने मुझे सैलरी भी जीता रहा जब तक मैं उसके साथ रहा और पैसे भी मेरे एकाउंट में डलवाए।
रेप जैसे गंभीर अपराध का आरोपी था ठग
ठगी का शिकार हुई नीरज श्रीवास्तव का कहना है कि प्रवीणकांत पाठक कई बार मुंबई क्राइम ब्रांच के डीजीपी संजीव नारकर से फोन पर बात करता था। जब लोगो ने को डीजीपी को फोन लगाया तो पता चला कि ठग पर बालात्कार का केस है और वो पेश होने के लिए बात करता था। यह सुनकर लोगों के होश उड़ गए है और वे अब अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।वही अब शिवपुरी पुलिस (Shivpuri Police) उसकी तलाश में जुट गई है।