सिंगरौली में प्रतिबंधित जमीन की रजिस्ट्री मामले में पुलिस के नोटिस का जवाब नहीं दे रहे उप रजिस्ट्रार, मामला गरमाया

Shashank Baranwal
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Singrauli

Singrauli News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में जमीन के फर्जीवाड़े का मामला गर्म हो गया है। दरअसल उपतहसील क्षेत्र बगदरा के झपरहवा गांव के तीस एकड़ भूमि की रजिस्ट्री का मामला इस समय गर्म मुद्दा बना हुआ है। फर्जी विक्रेता एवं गवाहों तथा कलेक्टर के प्रतिबंध के बावजूद भूमि की रजिस्ट्री के मामले में उप रजिस्ट्रार से कोतवाली पुलिस ने दो नोटिस देकर जवाब मांगा है। लेकिन उप रजिस्ट्रार कोतवाली पुलिस को जवाब देने से भाग रहे हैं।

अगस्त महीने से जांच पड़ताल कर रही पुलिस

गौरतलब है कि झपरहवा गांव में तीस एकड़ जमीन क्रय का मामला फर्जी निकला है। काश्तकार राजेश मल्लाह जहॉ फर्जी निकला वहीं तत्कालीन पटवारी उदित नारायण शर्मा सहित गवाहों के षडय़ंत्र का कोतवाली पुलिस ने प्रथम दृष्टया में अपराध मान लिया है। पटवारी एवं फर्जी कास्तकार तथा गवाहों के विरूद्ध कोतवाली पुलिस अगस्त महीने से ही भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज करते हुये जांच पड़ताल कर रही है। वहीं कोतवाली पुलिस ने उक्त मामले में उप रजिस्ट्रार, सिंगरौली अशोक सिंह परिहार से दो बार नोटिस देकर जवाब मांगा है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।