सिंगरौली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, सालों से फरार चल रहे आरोपियों को किया गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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singrauli police arrested two accused

सिंगरौली,राघवेन्द्र सिंह गहरवार। सिंगरौली पुलिस अधीक्षक (singrauli sp)  वीरेन्द्र सिंह के निर्देश पर पूरे जिले में इनामी आरोपियों और स्थाई वारंटी को पकड़ने हेतु अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें एसडीओपी मोरवा के मार्गदर्शन में मोरवा थाना प्रभारी मनीष त्रिपाठी को बड़ी सफलता मिली है। सिंगरौली पुलिस (singrauli police) ने लंबे समय से फरार चल रहे दो इनामी स्थाई वारंटी को एक डाल्टनगंज को तो दूसरे को पलामू से गिरफ्तार किया गया है।

प्रकरण क्रमांक 221/01 धारा 399,402 भादवि के केस में आरोपी अपने अन्य पांच साथियों के साथ डकैती डालने की योजना बनाते पकड़ा गया था, जिसके अन्य साथी जमानत पर छूटने के बाद से लगातार पेशी में आ रहे थे। किंतु बबलू उर्फ राकेश पिता किरण साकेत पलामू जिला झारखंड जमानत पर छूटने के बाद से लगातार फरार चल रहा था। वही दूसरा स्थाई वारंटी प्रकरण क्रमांक 72\01 धारा 286, 337 भारतीय दंड विधान में वर्ष 2001 में लापरवाही पूर्वक विस्फोटक पदार्थ रखकर व्यक्ति को चोट पहुंचाने के मामले में थाना मोरवा में अपराध दर्ज हुआ था, जो गिरफ़्तारी के बाद न्यायालय द्वारा जमानत पर छूटने के बाद से आरोपी राजेश्वर राय पिता रामनंदन राव निवासी गढ़वा जिला झारखंड (jharkhand) अपने गृह ग्राम भाग गया था, जिसे गिरफ्तार कर आज माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा उक्त कार्रवाई में सहायक उपनिरीक्षक खेलन सिंह करिहार,साहब लाल सिंह परिहार, प्रधान आरक्षक राजेश द्विवेदी एवं राहुल सिंह,सुबोध सिंह की सराहनीय भूमिका रही।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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