तेज रफ्तार ट्रेलर ने उजाड़े आशियाने, बाल-बाल बचे लोग, कंपनी प्रबंधन ने झाड़ा अपना पल्ला

Gaurav Sharma
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सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह गहरवार। एस्सार कंपनी में कोयले का परिवहन करने वाले एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने आज सड़क के किनारे तकरीब 150 मीटर अंदर बने पक्के मकान ठोकर मार दी, जिससे घर के बाहर का छज्जा और कॉलम पुरी तरफ से ध्वस्त हो गया। वहीं गरीब किसान के घर की दीवार और छतो में दरारें पड़ गई है। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो ट्रेलर की रफ्तार बहुत तेज थी और ड्राइवर शराब के नशे में धुत था। गनिमत यहीं रही कि बाहर बैठे ट्रेलर की चपेट में आने से बच गए जबकिं सभी लोग बाहर में ही बैठे हुए थे वरना कालरूपी ट्रेलर और नशे में धुत ड्राइवर आज फिर किसी न किसी की जिंदगी को रौंद देते।

आये दिन ट्रेलर ड्राइवर के लापरवाही से खूनी होती है सड़के

सिंगरौली जिले में आये दिन ट्रेलर हाइवा से कोई ना कोई हादसे का शिकार हो जाता है। आए दिन ट्रेलर हाइवा से यहां की सड़कें खून से लथपथ हो जाती है, लेकिन आज तक एस्सार कंपनी या ट्रेलर ड्राइवर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके कारण कंपनी प्रबंधन और ट्रेलर हाइवा ड्राइवर बेखौफ घूमते नजर आते है।

ट्रेलर हाइवा के फिटनेस को लेकर जिला परिवहन विभाग पर उठ रहे सवाल

आये दिन हो रहे दुर्घटनाओं ने जिला परिवहन विभाग सिंगरौली को भी सवालों के घेरे में खड़े कर दिया है क्योकि सड़क पर सरपट दौड़ रहे इन ट्रेलर हाइवा के आगे पीछे न तो इंडिगेटर दिखाई देता है और न सामने हेड लाइट सही होता है।देखा जाए तो हेड लाइट और साइड इंडिगेटर टूटे रहते है,वही कई ट्रेलर के तो सामने से पूरा मुखड़ा ही टूटा रहता है फिर भी वो सड़क पर बिना रोक टोक के फर्राटे भरते है। यैसे में अब हर कोई पूछ रहा है कि आखिर यैसे गाड़ियों को फिटनेस देने वाले अधिकारी भी उतने ही जिम्मेदार है जितना ट्रेलर हाइवा ड्राइवर है।

जब भी दुर्घटनाओं को लेकर एस्सार प्रबंधन से बात की जाती है तो एस्सार प्रबंधन का बेतुका बयान सामने आता है कि दुर्घटनाओं पर रोक लगाना हमारी जिम्मेदारी नही है। गाड़ी मालिक और ड्राइवर इसके जिम्मेदार है और वो लोग है जो अपनी सुरक्षा इन गाड़ियों से नहीं कर पाते, उन्हें भी गाड़ी देखकर सड़क पर चलना चाहिए।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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