Bada Ganesh Mandir: 30 अगस्त को देशभर में धूमधाम के साथ बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर राखी सजाते हुए देखा जाएगा। राखी की ये डोर भाई बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत बनाने का काम करती है। जिन लड़कियों और महिलाओं के भाई नहीं होते हैं, उन्हें अक्सर भगवान श्रीकृष्ण और गणेश को राखी बांधते हुए देखा जाता है।
राखी पर भाई की कलाई से पहले वैसे भी भगवान को राखी बांधना शुभ माना जाता है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं, जहां पर ना सिर्फ शहर, प्रदेश और देश बल्कि विदेशों से भी भगवान गणेश की लिए राखियां आती हैं। ये मंदिर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित है।
बड़ा गणेश मंदिर
महाकाल मंदिर के समीप बड़ा गणेश मंदिर स्थित है, यहां पर गजानंद की 18 फीट ऊंची प्रतिमा है। ये मंदिर देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक प्रसिद्ध है। ऐसी कई बहनें हैं, जो भगवान गणेश को अपना भाई मानती हैं और हर साल इस मंदिर में श्रीगणेश को राखी बांधती हैं। मुंबई, जयपुर, इंदौर, पुणे, बैंगलोर समेत कई जगहों से यहां राखी पहुंचती है।
51 फिर की राखी
भगवान गणेश की लिए देश के अलग अलग शहरों से साथ लंदन, हांगकांग और अमेरिका जैसी जगहों से भी बहने राखी भेजती हैं। यहां जो प्रतिमा है वो काफी बड़ी है इसलिए यहां राखी भी बड़ी बड़ी बांधी जाती है। देश की सबसे बड़ी 51 फिट की राखी भी यहां स्थापित श्रीगणेश को अर्पित की जाती है। इसके अलावा हर साल सोने की गिन्नियों से बनी राखी भी भगवान को बांधी जाती है।
मसालों से बनी है मूर्ति
उज्जैन के इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को सीमेंट से नहीं बल्कि गुड़ और मैथी दाने जैसे मसाले का इस्तेमाल कर बनाया गया है। इसके साथ चूना, बालू, रेत और ईंट का प्रयोग भी किया गया है। इसे सात मोक्षपुरियों उज्जैन, काशी, मथुरा, अयोध्या, द्वारिका, कांची और हरिद्वार से लाई गई मिट्टी और पवित्र तीर्थस्थलों के जल से निर्मित किया गया है। यही कारण है कि इस जगह को काफी महत्व दिया जाता है।