Electricity Theft in MP : मध्यप्रदेश में बिजली चोरी के मामलों में बढ़ोतरी होती जा रही है। इसकी भनक किसी को भी नहीं लगती है कि कब कैसी व्यक्ति बिजली चोरी कर लेता है लेकिन जब ऐसे मामले सामने आते हैं तो फिर भारी जुर्माना भुगतना पड़ जाता है। बिजली चोरी से निजात पाने के लिए और उसे रोकने के लिए पूर्व क्षेत्र कंपनी ने स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई है। इसको लेकर कंपनी ने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से मंजूरी मांगी थी। जिसको लेकर मंगलवार के दिन जनसुनवाई की गई।
इस दौरान कई आपत्तिकर्ताओं ने आयोग के सामने सवाल खड़े किए है। कहा गया है कि कैसे आखिर स्मार्ट मीटर लगाने की वजह से बिजली चोरी रुक पाएगी। इस सवाल का कोई वाजिब नहीं है। लेकिन कंपनी ने ये कहा है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर यह खरीदी की जा रही है। इस मामले को लेकर जबलपुर के राजेंद्र अग्रवाल के अलावा भोपाल और टीकमगढ़ के साथ तीन आपत्तिकर्ताओं ने अपनी बात जनसुनवाई के दौरान रखी।
लेकिन कंपनी ने दावा किया है कि 9466 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को अगर मंजूरी मिलती है तो नुकसान 15 प्रतिशत नुकसान तक पहुंच सकता है। इसके लिए कंपनी ने चार साल का वक्त मांगा है। पूर्व क्षेत्र कंपनी ने पूंजीगत निवेश योजना के चलते मप्र विद्युत नियामक आयोग में याचिका लगाई। इस पर लोगों से आपत्ति की भी मांग की गई। जानकारी के मुताबिक, अभी तक बिजली कंपनी के 21 जिलों में बिजली लाइन लास ज्यादा है। इसलिए कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2022 से 2026-27 तक के लिए योजना बना कर तैयार की है। जिसके तहत स्मार्ट मीटर और प्री पेड मीटर लगाया जाएगा।