मुरैना/ संजय दीक्षित। कोरोना की मार झेल रही आमजनता महामारी से त्रस्त हैं, तो वहीं महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी हैं। जिसके चलते मुरैना में आज केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ कांग्रेस का गुस्सा सडक़ पर उतर आया। आज कलेक्ट्रेट पर कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। पिछले तीन महीने से लॉकडाउन के कारण जनता अपना रोजगार और व्यापार सब कुछ गवां बैठी है। इसके बाबजूद केंद्र और राज्य की सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाकर मुनाफा कमाने में लगी हुई हैं।
मध्यप्रदेश में करीब 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम 10 रुपए तक बढ़ाए गए हैं। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आयी गिरावट का मुनाफा जनता को नही देना चाहते हैं। राज्य और केंद्र की सरकार केवल अपनी जेबें भरने में लगी हुई हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि देश के पीएम मोदी कहते थे कि डॉलर और रुपए को बराबरी पर लाकर खड़ा करेंगे लेकिन देश में कुछ और ही हो रहा है। वर्तमान में हालात ये है कि पेट्रोल और डीजल के दाम बराबरी पर आकर खड़े हो गए। देश के आम आदमी पर मूल्य वृद्धि की मार पड़ी है। सरकार अपनी विफलताओं से विवश होकर जनता को लूटने में लगी हुई है। हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोरोना संकट के बीच अनुमति लेकर विरोध प्रदर्शन का दावा किया और बकायदा मास्क भी लगाए थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग न के बराबर दिखी। इधर, विरोध के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था।
वही सवाल ये भी उठ रहे कि क्या कांग्रेस में राज्यसभा चुनाव के बाद फिर से गुटबाजी का दौरा शुरू हो गया है। जिसके बाद कांग्रेसियों में गुट बाजी भी देखने को मिली हैं। मुरैना में 1 जून को पेट्रोल की कीमत 77.56 और डीजल के दाम 68.27 रुपए के करीब थी और अब 22 जून को पेट्रोल के दाम 87.16 रुपए और डीज़ल के दाम 78 रुपए के लगभग पहुंच गए है। वहीं सरकार अपनी विफलताओं से विवश होकर जनता को लूटने में लगी हुई है। केंद्र और राज्य की सरकार का विरोध करते हैं उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में दिनेश गुर्जर प्रदेशाध्यक्ष किसान कॉंग्रेस, दीपक शर्मा जिलाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी शहर, राकेश मावई जिलाध्यक्ष ग्रामीण, बलबीर डंडोतिया पूर्व विधायक, प्रबल प्रताप मावई, राजेन्द्र यादव सहित कई कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित थे।