ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कहते हैं पैसा या जेवर देखकर किसी का भी मन डोल जाता है लेकिन ग्वालियर के एक ऑटो चालक(Auto Driver) ने इस धारणा को बदल दिया है। उसका ना मन डोला बल्कि उसने एकअच्छा शहरी और अच्छा इंसान होने का फर्ज अदा किया और उसके ऑटो में सवारी द्वारा छोड़े गए पैसे, जरुरी कागज से भरे बैग को पुलिस तक पहुँचाया। ऑटो चालक की ईमानदारी को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारियों ने उसे सम्मानित किया और गिफ्ट दी।
आमतौर पर वाहन चालकों को लोग गलत समझते हैं लेकिन जैसे पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती वैसे ही सभी वहां चालक गलत नहीं होते। ग्वालियर में इसी बात को प्रमाणित किया है ऑटो चालक महेश कुमार अहिरवार ने। दरअसल महेश की ऑटो में एक युवक और युवती बस स्टैंड से सवार हुए और उन्हें शिंदे की छावनी पर छोड़ा और दूसरी सवारी लेकर चलने लगा। सवारी ने कहा कि पीछे किसी का बैग रखा है, महेश को समझते देर नहीं लगी ये पिछली सवारी का बैग है जो वो भूल गई है।
ऑटो चालक महेश ने समझदारी दिखाते हुए कहा कि बैग मेरे भाई का है मुझे दे दीजिये और उसने बैग अपने पास रख लिया , बैग में जेवर, पैसे , जरुरी कागज थे। महेश वापस बस स्टैंड गया और वहां मोबाइल नंबर देकर कोई युवक युवती बैग ढूंढते हुए आएं तो मेरा नंबर दे देना, उसके बाद महेश बैग लेकर पुलिस कंट्रोल रूम चला गया गया वहां उसने बैग जमा कर दिया। जिसे युवक युवती आकर ले गए।
ऑटो चालक महेश की ईमानदारी की चर्चा एसपी अमित सांघी के कान तक पहुंची और उन्होंने उसे सम्मानित करने का फैसला किया। एसपी ने ऑटो चालक महेश को पुलिस कंट्रोल रूम बुलाया और डीआईजी हिंगणकर की मौजूदगी में महेश को प्रशस्ति पत्र एवं एक गिफ्ट देकर सम्मानित किया।
डीआईजी राजेश हिंगणकर ने ऑटो चालक महेश की ईमानदारी की बात सुनकर की पीठ पर हाथ रखकर शाबासी दी और कहा आप जैसे लोग समाज को एक सन्देश देते हैं , वही एसपी अमित सांघी ने कहा ये ईमानदारी का अनोखा उदाहरण है। ये दूसरों को प्रेरणा देता है कि ऐसे भी ऑटो चालक हैं जो अपनी सवारियों की सेफ्टी के लिए और उनके सामान के लिए सजग हैं। उन्होंने कहा कि सम्मानित करने के पीछे सिर्फ ये मकसद है कि लोग इससे प्रेरणा लें।