अधीक्षिका सोती रहीं, दो नाबालिग चाबी चुराकर फरार, ग्वालियर से गिरफ्तार

Atul Saxena
Published on -

मुरैना, संजय दीक्षित।  मुरैना के स्टेशन थाना क्षेत्र के बड़ोखर में स्थित सुधार गृह से दो नाबालिग बालिकाएं (two minor girls) फरार हो गयी, दोनों नाबालिगों ने सुधार गृह की अधीक्षका के गहरी नींद में सोने का फायदा उठाया, चाबी चुराई और मुख्य द्वार  खोलकर फरार हो गयी। बाद में पुलिस ने उन्हें ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया ।

मुरैना शहर के बड़ोखर रोड पर स्थित महिला सुधार गृह में बंद दो नाबालिग बालिकाएं मंगलवार सुबह उस समय फरार हो गयी जब सुधार गृह की अधीक्षिका गहरी नींद में सो रहीं थी। दोनों ने अधीक्षिका सुनीता कुशवाहा के गहरी नींद में सोने का फायदा उठाया, चाबी चुराई और मुख्य द्वार खोलकर फरार हो गयी। दोनों पिछले पांच माह से सुधार गृह में रह रही थी। दोनों के माता पिता ने घर पर रखने से इंकार कर दिया था। जिसकी वजह से उनको सुधार गृह में रखा गया था, इसमें एक नाबालिग बानमौर की बताई गई है तथा दूसरी भिंड की बताई गई है।

ये भी पढ़ें – अंबेडकर की रंगोली को लेकर हंगामा, ओबीसी महासभा ने किया चक्का जाम

नाबालिग बालिकाओं के भागने की खबर लगते ही सुधार गृह में हड़कंप मच गया, अधीक्षिका ने वरिष्ठ अधिकारियों को सुचना देने के बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने खोजबीन करते हुए दोनों बालिकाओं को ग्वालियर में जनकगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। जल्द ही दोनों को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों समक्ष पेश किया जाएगा।

ये भी पढ़ें – नही सुनी छात्रा की गुहार ! पुलिस पर उठे सवाल

इस मामले में थाना प्रभारी आशीष राजपूत का कहना है कि जैसे ही नाबालिगों के भागने की खबर लगी तुरंत पुलिस ने चारों तरफ से नाकाबंदी करते हुए उनकी खोजबीन शुरू कर दी और और दोनों को जनकगंज ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को महिला एवं बाल विकास विभाग के समक्ष पेश करने के बाद सुधार गृह में वापस भेजा जाएगा।

अधीक्षिका सोती रहीं, दो नाबालिग चाबी चुराकर फरार, ग्वालियर से गिरफ्तार


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News