इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। अब इंदौर (Indore) से जबलपुर (Jabalpur) का रेल सफर आसान होने वाला है। दरअसल, इंदौर-बुधनी रेल परियोजना के लिए सरकार ने जमीन अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है। जानकारी के अनुसार, रेल परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने इंदौर-देवास और सीहोर में भूमि अधिग्रहण का अंतिम नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जिसके चलते अब इंदौर से बुधनी के बीच 200 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाई जाएगी जिससे इंदौर से जबलपुर पहुंचने के सफर में कुछ घंटों की कमी आएगी।
आपको बता दें इस लाइन के बिछने से खातेगांव, कनौद, हरदा जैसे क्षेत्रों के कारोबार में भी तेजी आने की संभावना है। इस लाइन के बिछाने के पीछे की वजह यह है कि भविष्य में इटारसी से आगे जबलपुर तक नेटवर्क किया जाना है क्यूंकि अभी इंदौर से जबलपुर जाने के लिए भोपाल होकर जाना पड़ता है। लेकिन इंदौर बुधनी रेल लाइन बिछने के बाद इंदौर से जबलपुर जाने का रूट भी बदल जाएगा और रास्ता भी छोटा हो जाएगा।
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निश्चित तौर पर इस रेल लाइन के बिछाए जाने से लोगों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। साथ ही इस मार्ग के बीच पड़ने वाले खातेगांव, कनौद, हरदा जैसे क्षेत्रों के कारोबार में भी इजाफा होगा। ये भी जानकारी सामने आई है कि इंदौर से बुधनी रेल परिजयोजना के तहत एक सुरंग भी बना कर तैयार की जाएगी। ये सुरंग चापड़ा और कलावर के बीच करीब 5 किलोमीटर की बनाई जाएगी। इसके अलावा 105 पुल-पुलिया और 33 ब्रिज बना कर तैयार किए जाएंगे। इसका काम अभी से शुरू कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, 2018 में ही इस रेल लाइन को बिछाने की मंजूरी मिल गई थी और अब भूमि अधिग्रहण का रास्ता भी सरकार ने साफ कर दिया है। इस रेल लाइन के लिए लगभग 500 हेक्टेयर से ज्यादा की जमीन का अधिग्रहण होना है जिसमें इंदौर, देवास, सीहोर जिले की राजस्व, वन के साथ अन्य शासकीय जमीन भी शामिल है। अब तक इस प्रोजेक्ट के लिए 90 करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं और अनुमान है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में तकरीबन 3 हजार करोड़ रुपए तक का खर्च आने वाला है। इस प्रोजेक्ट के 2024 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।