मध्य प्रदेश में है घड़ियों का पेड़, बेहद दिलचस्प है मान्यता, जानें पूरी कहानी

Diksha Bhanupriy
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MP Tree of  Watches: ये तो कहा ही जाता है कि मध्य प्रदेश अजब है और वाकई गजब है। ऐसा भला बोला भी क्यों ना जाए यहां पर इस तरह की चीजें मौजूद भी हैं जो लोगों को हैरान कर देती है। आज हम आपको एक ऐसे ही अनोखे पेड़ के बारे में बताते हैं जिस पर फल फूल नहीं बल्कि घड़ियां लटकती है। इसके बारे में जानने वाला हर व्यक्ति अचंभे में पड़ जाता है।

हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के उज्जैन से 45 किलोमीटर दूर उन्हेल के गुराड़िया गांव में स्थित सगस महाराज यानी घड़ी वाले बाबा मंदिर की। यह एक ऐसा मंदिर है जहां भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने या फिर परेशानी से छुटकारा पाने के लिए घड़ी चढ़ाते हैं। मंदिर कुछ ज्यादा बड़ा नहीं है और जब 4 बाय 6 फीट के इस मंदिर में घड़ी रखने की जगह नहीं बची तो लोगों ने पास में मौजूद पेड़ से घड़ियों को टांगना शुरू कर दिया। इसी तरह से ये पेड़ घड़ियों वाला पेड़ बन गया।

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MP के घड़ियों वाले पेड़ की कहानी

स्थानीय लोगों के मुताबिक बीते 10 सालों में यह मंदिर अस्तित्व में आया है। किसी को नहीं पता कि पेड़ के नीचे मूर्ति को स्थापित किसने किया है और मन्नत पूरी होने पर घड़ी दान की है। लेकिन देखते ही देखते यह जगह इतनी प्रसिद्ध हो गई कि छोटे से मंदिर में 2000 घड़ियां टंगी हुई है और पास लगा हुआ बरगद का पेड़ भी घड़ियों से भर चुका है। पूरा पेड़ घड़ियों से इस कदर भर चुका है कि दूर से निकलने वाले लोगों को घड़ी की टिक टिक सुनाई देती है। मंदिर में कोई पुजारी नहीं है इसके बावजूद भी आज तक यहां से एक घड़ी भी गायब नहीं हुई।

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मन्नत पूरी होने पर चढ़ती है घड़ी

घड़ी वाले बाबा के इस मंदिर में कई भक्त अपनी मन्नत मांग कर जाते हैं। जिन भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है वह यहां पर घड़ी चढ़ाते हैं। केवल आसपास के लोग ही नहीं बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों से भी लोग यहां पहुंचते हैं और मन्नत मांगते हैं। यहां पहुंचे कई भक्तों ने अपनी परेशानी का जिक्र करते हुए बताया कि वह किसी ना किसी समस्या से परेशान चल रहे थे लेकिन मन्नत मांगने पर उनकी परेशानी दूर हो गई और अब मन्नत पूरी करने के लिए घड़ी चढ़ाने आए हैं।

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आवाज करता है पेड़

मंदिर के पास बने हुए बरगद के पेड़ पर हजारों की संख्या में घड़ी टंगी हुई है। जब भी कोई राहगीर यहां से गुजरता है तो घड़ियों की टिक टिक आवाज सुनाई देती है। रात के समय में ये आवाज काफी तेज हो जाती है। घड़ियों के अलावा यहां पर भक्तों सिगरेट और चिलम का चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। भक्तों ने बताया कि परेशानी थी इसलिए उन्होंने मन्नत मांगी थी और निदान मिलने पर घड़ी के साथ चिलम और सिगरेट भी यहां पर चढ़ाई। यहां पर इस तरह की चीजों को चढ़ाना किसने शुरू किया और यह जगह किस तरह से अस्तित्व में आई आज भी कोई नहीं जानता है। इसके बावजूद भी भक्तों की इस जगह से गहरी आस्था जुड़ी हुई है जिसका सबूत यहां टंगी हजारों घड़िया दे रही है। पूर्णिमा और रविवार के दिन खास तौर पर यहां भीड़ पड़ती है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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