ईद मिलादुन्नबी का जश्न घरों पर रहकर मनाएं, जुलूस पर रहेगी पूर्ण पाबंदी : कलेक्टर

Gaurav Sharma
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टीकमगढ़,आमिर खान। हर साल की तरह इस साल भी ईद मिलादुन्नबी का पर्व बड़े ही शान के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने तैयारियां भी जोर शोर से कर ली है। ईद मिलादुन्नबी को लेकर लोगों ने अपने घरों सहित मुहल्लों में भी विशेष सजावट की है। इस बार केवल कोरोना को देखते हुए गृह मंत्रालय के निर्देश पर जुलूस पर पूरी पाबंदी रखी गई है। इसको लेकर कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट सभागार में एक बैठक का भी आयोजन किया जिसमें यह निर्णय लिया गया।

आज कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर सुभाष कुमार, एसपी प्रशांत खरे, एसडीएम सौरभ मिश्रा, एसडीओपी कृष्णपाल सिंह, थाना प्रभारी सुनील शर्मा व शहर के मुस्लिम समाज के लोगों के बीच एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें लंबी चर्चा के बाद ये निर्णय लिया गया की इस बार कोरोना के चलते गृह मंत्रालय के आदेश को ध्यान में रखकर ईद मिलादुन्नबी पर सिर्फ जुलूस पर पाबंदी का निर्णय लिया गया है। इसके साथ इस पर्व को मनाने की पूर्णता छूट दी गई है।

ईद मिलादुन्नबी के पर्व पर मुस्लिम समाज सुबह से परचम का कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रम पूरी आजादी के साथ कर सकेगा। इसमें जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन उनका पूर्ण सहयोग करेगा। कलेक्टर सुभाष कुमार ने आम जनता से अपील की है कि इस निर्णय को ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह के जुलूस को न निकाले। अन्यथा जिला प्रशासन को मजबूरन कार्यवाही करनी पड़ेगी।

एसपी प्रशांत खरे ने भी अपील की है कि इस पर्व की खुशी हम सबको है, हमें इस खुशी को बरकरार रखने के लिए ईद मिलादुन्नबी का पर्व बिना किसी जुलूस के अपने घरों में रहकर मनाना है। ये दिन मुस्लिम समाज के लिए बड़ा ही अनोखा दिन है। हमे उम्मीद है कि गृह मंत्रालय के आदेश और आज लिए गए निर्णय का सभी पालन करेंगे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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