टीकमगढ़। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सौरभ कुमार सुमन ने जिले में मानव जीवन की सुरक्षा, लोक शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जिला टीकमगढ़ में सर्वसाधारण के पालनार्थ प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
उक्त आदेष के तहत जिले की समस्त राजस्व सीमा में कोई भी व्यक्ति आपत्तिजनक नारे ना ही लगायेगा और ना ही धारदार अस्त्र-शस्त्र, गोला, बारूद को लेकर चलेगा अथवा प्रदर्शन करेगा। डीजे के उपयोग पर भी पाबंदी लगाई गई है। सोशल मीडिया द्वार फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर, इंस्ट्राग्राम में धार्मिक भावनाओं वाले मैसेज पोस्ट नहीं करें तथा आपत्तिजनक पोस्टर आदि का प्रदर्शन नहीं किया जाये। जिले की सीमा में किसी भी संगठन द्वारा कोई धरना प्रदर्शन, जुलूस रैली का आयोजन जिला प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं किया जाये। जिले की सीमा में किसी भी स्थान पर अवैध जमाव, भीड़ एकत्रित नहीं हो, इसे प्रतिबंधित किया गया है। जिले के सभी मकान मालिक जिनके द्वारा अपना मकान एवं दुकान किराये पर दी जाती हैं, उनके किरायेदारों की सूचना वे संबंधित थाने में विहित प्रारूप में देने के उपरांत ही किरायेदार रखें तथा किरायेदार का आईडीप्रूफ आवश्यक रूप से लिया जाये। घरेलू नौकरों एवं व्यवसायिक नौकरों की सूचना संबंधित मालिक द्वारा थाने पर विहित प्रारूप में देने के उपरांत ही उन्हें रखा जाये, साथ ही आईडीप्रूफ आवश्यक रूप से लिया जाये। छात्रावास में रह रहे छात्र-छात्राओं की सूचना विहित प्रारूप में संबंधित थाने को दी जाये, साथ ही आईडीप्रूफ आवश्यक रूप से लिया जाये। होटल, लाॅज, धर्मषालाओं में रूकने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र अनिवार्य रूप से लिया जाये एवं ठहरने वाले व्यक्तियों की सूची विहित प्रारूप में संबंधित थाने पर दी जाये, साथ ही आईडीप्रूफ आवश्यक रूप से लिया जाये। भवन निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्याें में लगे मजदूरों/कारीगरों की सूचना ठेकेदार द्वारा विहित प्रारूप में थाने में मय पहचान पत्र देने के उपरांत ही उन्हें काम पर रखा जाये। पेइंग गेस्ट की सूचना संबंधित मकान मालिक द्वारा विहित प्रारूप में थाने में मय पहचान पत्र देने के उपरांत ही उन्हें रखा जाये। ऐसे व्यक्तियों की सूचना जो 15 दिवस से अधिक समय से निवास कर रहे हों तत्काल संबंधित थाने में पहचान पत्र सहित विहित प्रारूप में दी जाये।
यह आदेष आज दिनांक 5 नवम्बर 2019 से आगामी आदेश तक के लिये प्रभावषील रहेगा तथा उक्त प्रभावषील अवधि में इस आदेश का उल्लंघन धारा 188 भारतीय दण्ड विधान के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा। यह आदेष सुरक्षा व्यवस्था में संलग्न कार्यपालक मजिस्ट्रेटों/पुलिस कर्मियों/अर्धसैनिक बलों/विशेष पुलिस अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।