झूठ बोलकर एफआईआर से नाम हटवाने के बदले प्रधान आरक्षक ने ली रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा

आरोपी प्रधान आरक्षक टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ थाने में पदस्थ है इसने एक आरोपी से ये कहकर 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी कि उस अपराध में उसके दो परिजनों के नाम है उसे मैं हटा दूंगा जबकि उसने ये झूठ बोला था ।

Lokayukta Action:  मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति पर काम करने के निर्देश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दिए हैं, एजेंसियां शिकायत मिलते ही तत्काल एक्शन में आती है और फिर साक्ष्य मिलते ही जाल बिछाकर घूसखोर को पकड़ लेती है ऐसी ही एक कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस सागर ने टीकमगढ़ में की है।

सागर लोकायुक्त पुलिस एसपी योगेश्वर शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक टीकमगढ़ जिले के ग्राम पपावानी में रहने वाले छत्रपाल सिंह लोधी नामक ग्रामीण ने एक शिकायती आवेदन कार्यालय में दिया था जिमें पुलिस के प्रधान आरक्षक पर रिश्वत मांगे जाने क यारोप लगाये गए थे।

FIR ने नाम शामिल होने का झूठ बोला, हटाने के लिए मांगी रिश्वत 

आवेदन में छत्रपाल सिंह लोधी ने बताया कि थाना बल्देवगढ़ में उसके विरुद्ध मारपीट का एक अपराध पंजीबद्ध है, यहाँ पदस्थ प्रधान आरक्षक बालचंद्र बेलदार  ने उससे संपर्क कर कहा कि उस अपराध में उसके दो अन्य परिजनों के भी नाम हैं जिन्हें वो हटा देगा और उसके बदले उसने 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।

5000 रुपये रिश्वत में पहले ही ले लिए 

3 मई को आवेदक ने प्रधान आरक्षक बालचंद्र बेलदार को 5000 रुपये दे दिए लेकिन जब जानकारी हासिल की तो मालूम चला कि उस अपराध में केवल उसका ही नाम है दो अन्य परिजन का नाम ही नहीं है यानि प्रधान आरक्षक झूठ बोलकर रिश्वत मांग रहा है।

सबूत जुटा लोकायुक्त पुलिस ने बिछाया जाल 

शिकती आवेदन मिलने के बाद लोकायुक्त ने इसकी सत्यता की जाँच की और जब रिश्वत मांगने की बात का प्रमाण मिला तो फिर ट्रेप प्लान की गई, आज 6 मई को एक टीम आवेदक के साथ निर्धारित समय और निर्धारित स्थान पर पहुंची।

5000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा 

बल्देवगढ़ के बमोरी तिगैला पहुँचने पर आवेदक छत्रपाल सिंह लोधी ने प्रधान आरक्षक बालचंद्र बेलदार को रिश्वत की शेष राशि 5000 रुपये जैसे ही दी पहले से तैयार लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने उसे दबोच लिया और उसके पास से रिश्वत की राशि जब्त कर ली, पुलिस ने आरोपी प्रधान आरक्षक के खिलाफ भ्रश्ताकाह्र निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर जाँच में ले लिया है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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