टीकमगढ़, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश का पन्ना जहां हीरा उगलता है वही अब मध्य प्रदेश के एक और जिले की धरती ने पुराने दुर्लभ सिक्के उगले हैं। दरअसल मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में एक सौ से अधिक दुर्लभ सिक्कों की निकासी की गई है। पुरातत्व विभाग द्वारा इन सिक्कों का परीक्षण किया जाएगा बताया जा रहा है कि यह सिक्के मुगल काल के हैं।मध्य प्रदेश (MP) के टीकमगढ़ (Tikamgarh) जिले में एक पत्थर की खदान के काम के दौरान खोदी गई रेत में एक बर्तन में मुगल काल के Rare Coins कुल 164 सिक्के पाए गए हैं। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी हैं।
जिला खनन अधिकारी प्रशांत तिवारी ने बताया कि पत्थर खनन से जुड़े एक निजी ठेकेदार ने उन्हें सिक्कों की जानकारी दी। वे बुधवार को बुंदेलखंड क्षेत्र के जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर नंदनवारा गांव स्थित मौके पर पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा मिट्टी के बर्तन में कुल 164 सिक्के मिले हैं। जिनमें चांदी के 12 और तांबे के बाकी बचे हुए सिक्के शामिल हैं। जिन पर उर्दू या फारसी में नक्काशी की गई है। सिक्के जिले के कोषागार में जमा करा दिए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि पुरातत्व विभाग की एक टीम सिक्कों का विश्लेषण करेगी।
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उन्होंने कहा कि सिक्के किस अवधि के हैं और उन पर लिखी गई भाषा का पता अध्ययन के बाद चलेगा। विशेष रूप से, निवाड़ी जिले में ओरछा, जो अपने राम राजा मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, नंदनवारा गांव से लगभग 45 किमी दूर स्थित है। निवाड़ी जिले को 2018 में टीकमगढ़ से अलग कर बनाया गया था।
इतिहास के अनुसार, 1626 में जुझार सिंह ओरछा का राजा बना और उसने मुगल साम्राज्य के जागीरदार नहीं रहने की कसम खाई। मुगल बादशाह शाहजहाँ से आज़ादी दिलाने के उनके प्रयास ने उनके पतन का मार्ग प्रशस्त किया।औरंगजेब के नेतृत्व में मुगल सेना ने उसकी भूमि पर आक्रमण किया और 1635 में इसे जीत लिया, जिससे सिंह को चौरागढ़ से पीछे हटना पड़ा।