13 साल बाद पुलिस की गिरफ्त में खूंखार वांटेड, दर्जन भर अपराध में शामिल

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टीकमगढ़। आमिर खान।

 मध्य प्रदेश में ऐसे कई खूंखार अपराधी अब तक जेल के अंदर जा चुके हैं, जिन्होंने बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है, इनमें ही शामिल था टीकमगढ़ जिले के मुहारा का रहने वाला एक खूंखार राज्यस्तरीय बांटेड राजाराम, जो आखिर 13 साल बाद 67 साल की उम्र में कानून के लंबे हाथों में आ ही गया। ये अपराधी इतना खूंखार था कि इसकी वानगी इस पर दर्ज अपराधों से ही साबित होती है। इस बांटेड पर 25 हजार का इनाम भी था। 

जिला के पुलिस कंट्रोल रूम में छतरपुर रेंज के डीआईजी अनिल माहेश्वरी और टीकमगढ़ जिले के पुलिस कप्तान अनुराग सुजानिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का पर्दाफाश किया। पुलिस ने बताया कि जतारा के ग्राम मुहारा का रहने वाला राजाराम यादव 13 साल से लगातार कानून की गिरफ्त से बाहर था, लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं और इन हाथों से ये खूंखार आरोपी भी नहीं बच पाया। आखिरकार पुलिस ने इसे अशोकनगर के देहात थाना के पास से गिरफ्तार कर लिया है। डीआईजी अनिल माहेश्वरी ने पुलिस को मिली इस कामयाबी के लिए जिले के पुलिस कप्तान अनुराग सुजानिया और उनकी टीम की पीठ थपथपाई। पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने बताया कि स्थायी वारंटी राजाराम यादव ने चार हत्याएं करना कबूला है। साथ ही 14 संगीन अपराधों में अपनी संलिप्तता कबूली है। इन अपराधों में हत्या, हत्या करने का प्रयास सहित मारपीट के मामले शामिल हैं। एसपी ने बताया कि राजाराम यादव के 13 वर्षीय आपराधिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1983 से हुई थी और राजाराम अपने गिरोह के साथ हत्यायें व अन्य अपराध करता था। बांटेड राजाराम का आपराधिक ग्राफ टीकमगढ़ व छतरपुर जिले के अलावा कई जिलों तक फैला हुआ है।


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