MP News: जबलपुर से सामने आया तीन तलाक का मामला, थाने पहुंची पीड़िता, आरोपी गिरफ्तार

Diksha Bhanupriy
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MP News Hindi: सरकार द्वारा मुस्लिम महिलाओं के हित को देखते हुए तीन तलाक पर रोक लगा दी गई है, लेकिन इसे लोगों की मनमर्जी कहें या नियमों के प्रति अनदेखी कि सख्ती के बावजूद भी लोग इस इस संकुचित मानसिकता से जुड़ी प्रथा से निकलने के लिए तैयार नही हैं। ताजा मामला जबलपुर से सामने आया है, जहां एक महिला से उसके पति ने तीन तलाक ले लिया। पीड़ित महिला ने अपने साथ हुई पूरे घटनाक्रम की शिकायत गोहलपुर थाना पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पति को कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।

MP का है मामला

जानकारी के मुताबिक गोहलपुर की इस महिला की शादी साल 2018 में जबलपुर निवासी मोहम्मद जावेद से हुई थी। दोनों एक-दूसरे से फेसबुक के जरिए मिले थे। दोस्ती होने के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया, ये 5 साल तक साथ रहे और उनका एक बेटा भी है।

इन सब के बीच जावेद की कंप्यूटर शॉप में एक महिला से दोस्ती हुई और दोनों शादी कर भोपाल चले गए। सारी जानकारी मिलने के बाद पीड़िता ने जब अपने पति मोहम्मद जावेद को फोन लगाया तो उसने तीन तलाक लेकर उससे बात करना बंद कर दिया। कुछ दिनों बाद वो जबलपुर पहुंचा, जहां उसने अपनी पहली पत्नि से दहेज की मांग की और मारपीट शुरु कर दी। जबलपुर आए आरोपी ने घर से सामान ले जाना चाहा, जिसका विरोध करने पर उसने अपनी पत्नि को बुरी तरह से पीटा।

इन सब से परेशान होकर पीड़ित महिला मामले की शिकायत करने गोहलपुर पुलिस थाने पहुंची। जिस पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट और मुस्लिम विवाह संरक्षण अधनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया है। गोहलपुर सीएसपी के मुताबिक अब मामले की गहराई से जांच की जा रही है।

गैर कानूनी है तीन तलाक

मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण कानून 2019 लागू करने के बाद तीन तलाक को संवैधानिक रूप से गैर कानूनी घोषित किया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को पुलिस किसी वारंट के बिना गिरफ्तार कर सकती है। वहीं तीन साल की सजा का प्रावधान भी अधिनियम में रखा गया है।

ऐसे मामले में आरोपी को जमानत मिल सकती है, लेकिन यह तभी होगा जब पीड़िता पक्ष का बयान कोर्ट में सुना जाए। इसी के साथ महिला अपने पति से गुजारा भत्ते की मांग कर सकती है, जिसकी राशि मजिस्ट्रेट द्वारा तय की जाती है। वहीं नाबालिग बच्चों को पीड़िता अपने पास रख सकती है और आखिरी फैसला कोर्ट का होता है। इसके अलावा अन्य कई प्रावधानों के जरिए इस कानून में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की बात कही गई है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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