Ujjain News: धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) में कोई ना कोई आयोजन अक्सर ही होते रहते हैं। यहां कई ऐसे मंदिर हैं जिनसे पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं और इन्हें चमत्कारी कहा जाता है। मंदिरों में छप्पन भोग लगाए जाने की खबरें तो अक्सर ही सामने आती है, लेकिन उज्जैन में भैरवनाथ को लगाया जाने वाला यह महाभोग अपने आप में बहुत ही खास होता है। इस महाभोग में भगवान भैरव को शराब, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू के साथ भांग, अफीम और गांजा भी चढ़ाया जाता हैं।
उज्जैन में स्थित अति प्राचीन 56 भैरव मंदिर में हर साल भैरव अष्टमी पर बाबा को महाभोग लगाया जाता है। इस बार बाबा को 1500 किस्म की खाने पीने की सामग्री अर्पित की गई। इसमें 60 किस्म की देशी विदेशी शराब, 30 तरह की तंबाकू और सादे पाउच, 22 तरह की सिगरेट और बीड़ी, भांग, गांजा चिलम और अफीम सहित 130 प्रकार के नमकीन, 64 प्रकार की चॉकलेट, 80 तरह की मिठाई, 75 सूखे मेवे, 30 तरह की गजक, 45 तरह के बिस्किट, 28 तरह की सॉफ्ट ड्रिंक और फल, 40 प्रकार के बेकरी प्रोडक्ट और 80 प्रकार की मिठाई अर्पित की गई। देर रात बाबा को यह महाभोग लगाया गया जिसके दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। 12 बजे महाआरती के पश्चात बाबा को अर्पित किया गया भोग श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।
एक ही जगह विराजित हैं 56 भैरव
उज्जैन के इस मंदिर में शराब चढ़ाने की परंपरा तो बहुत पुरानी है, लेकिन भैरव अष्टमी होने के चलते यहां महाभोग लगाया गया। मंदिर में 56 भैरव प्रतिमाएं एक साथ स्थापित है इसी वजह से इसका नाम चमत्कारी 56 भैरव पड़ा। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस मंदिर में राजा भर्तृहरि और सम्राट विक्रमादित्य भी भगवान भैरव को पूजने के लिए आते थे। अवंतिका के अष्ट भैरव में भी इस मंदिर की गणना की जाती है।
बाबा भैरव ने दिया सास-बहू को सपना
जानकारी के मुताबिक साल 2004 से पहले इस मंदिर में बाबा को मदिरा का भोग नहीं लगाया जाता था। लेकिन 2004 में मंदिर के पुजारी की इंदौर में रहने वाली बहन और उनकी सास को बाबा ने दर्शन दिए और 56 भोग लगाने का आदेश दिया। इसके बाद उन्होंने यहां पर 60 तरह की मदिरा का भोग लगाया और अब यह प्रसादी 1500 चीजों तक पहुंच चुकी है। इस बार बाबा को चांदी की के बर्तनों में भोग अर्पित किया गया।